कोविड-19 के मुश्किल दौर में 1.30 लाख वेश्याओं का धंधा चौपट, 30 हजार को सता रहा भुखमरी का डर

1.30 lakh prostitutes have no job, 30 thousand afraid of starvation in difficult phase of covid-19 कोलकाता : एशिया के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया उत्तर कोलकाता के सोनागाछी की एक लाख से अधिक वेश्याओं के भविष्य पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं. उन्हें भुखमरी का डर सता रहा है, क्योंकि कोरोना वायरस के कारण उनका धंधा बंद पड़ा है. राज्य की वेश्याओं का संगठन ‘दुरबार महिला समन्वय समिति’ सरकार से बातचीत कर रहा है कि उन्हें असंगठित क्षेत्र के कामगारों का तमगा दिया जाये, ताकि उन्हें नि:शुल्क राशन मिल सके.

By Mithilesh Jha | March 29, 2020 2:53 PM

कोलकाता : एशिया के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया उत्तर कोलकाता के सोनागाछी की एक लाख से अधिक वेश्याओं के भविष्य पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं. उन्हें भुखमरी का डर सता रहा है, क्योंकि कोरोना वायरस के कारण उनका धंधा बंद पड़ा है. राज्य की वेश्याओं का संगठन ‘दुरबार महिला समन्वय समिति’ सरकार से बातचीत कर रहा है कि उन्हें असंगठित क्षेत्र के कामगारों का तमगा दिया जाये, ताकि उन्हें नि:शुल्क राशन मिल सके.

इस संगठन में 1,30,000 से अधिक पंजीकृत सदस्य हैं. एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार नि:शुल्क राशन के फायदे वेश्याओं को देने पर विचार कर रही है. दरबार की एक पदाधिकारी महाश्वेता मुखर्जी ने कहा, ‘पिछले पांच दिन से हमें राज्य के विभिन्न हिस्सों से परेशानी वाले फोन आ रहे हैं. वेश्याएं भुखमरी की आशंका से उन्हें बचाने के लिए कुछ करने को कह रही हैं.’

महाश्वेता मुखर्जी ने कहा, ‘ज्यादातर वेश्याओं के पास भोजन खरीदने के पैसे नहीं हैं, क्योंकि कोरोना वायरस के कारण पिछले 20-21 दिन से उनका काम ठप पड़ा है.’ महाश्वेता ने कहा कि एड्स के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाली सोनागाछी की वेश्याओं के लिए यह देखना दुखद है कि अब वे इस महामारी के दौरान इतनी गंभीर स्थिति का सामना कर रही हैं.

एक एनजीओ सोनागाछी रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एसआरटीआइ) ने कहा कि दरबार ने वेश्याओं की मदद के लिए रणनीति बनायी है. एनजीओ के प्रबंध निदेशक समरजीत जाना ने कहा, ‘सबसे पहले हमने महिला एवं सामाजिक कल्याण मंत्री शशि पांजा से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि असंगठित क्षेत्र को राज्य सरकार की ओर से दिये जाने वाले लाभ वेश्याओं को भी मिलें.

उन्होंने आगे कहा, ‘हम मकान मालिकों से इस महीने का किराया माफ करने के लिए बात कर रहे हैं. तीसरा हम मदद के लिए कई जानी-मानी हस्तियों और एनजीओ को पत्र लिख रहे हैं.’ सोनागाछी की 30,000 से अधिक वेश्याएं किराये के मकान में रहती हैं और उनका किराया हर महीने पांच से छह हजार रुपये तक होता है.

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