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What Is AI Relationship: Gen Z को ले डूबेगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस! क्या रिश्ते और शादी में भी इंसान की जगह ले लेगा AI?

What Is AI Relationship: Gen Z के दिल अब सिर्फ इंसानों के लिए ही नहीं, AI के लिए भी धड़कते हैं. एक हालिया सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. 80% युवा AI से शादी करने के बारे में सोच रहे हैं. जानिए इस डिजिटल मोहब्बत की कहानी और इससे जुड़े गहरे सवाल.

By Rajeev Kumar | June 30, 2025 6:15 AM
What Is AI Relationship: Gen Z को ले डूबेगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस! क्या रिश्ते और शादी में भी इंसान की जगह ले लेगा AI?

What Is AI Relationship: सोचिए, आप अपने दिल की बात किसी ऐसे से कह रहे हैं जो इंसान नहीं, बल्कि एक कोड की रेखा है. कभी साइंस फिक्शन लगने वाली ये कल्पनाएं आज Gen Z की हकीकत बनने लगी हैं. जहां एक ओर रिश्तों की परिभाषाएं बदल रही हैं, वहीं दूसरी ओर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ाव अब सिर्फ टेक्नोलॉजी तक सीमित नहीं रहा.

एक हालिया सर्वे ने दुनिया को चौंका दिया है. डिजिटल साथी प्लैटफॉर्म Joi AI द्वारा किये गए सर्वे में पाया गया कि Gen Z के 80% युवा AI से शादी करने पर विचार कर रहे हैं, और 83% का मानना है कि वे AI के साथ गहरा भावनात्मक संबंध बना सकते हैं. इस सर्वे ने इसी सोच को उजागर किया है- युवा दिलों को अब AI भी उतना ही आकर्षित कर रहा है, जितना कभी इंसानी रिश्ते किया करते थे. क्या यह प्यार है, सुविधा है या डिजिटल युग की नयी खोज? जवाब आसान नहीं है, लेकिन सवाल बेहद जरूरी है.

AI Relationship क्या है?

JoiAI ने इंसान और AI के बीच के रिश्तों को एक नया नाम दिया है- AI-lationships. कंपनी का कहना है कि ये रिश्ते इंसानी संबंधों की जगह नहीं लेते, बल्कि एक अलग तरह का भावनात्मक सहारा प्रदान करते हैं.

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क्यों बढ़ रहा है AI की ओर झुकाव?

विशेषज्ञों के अनुसार, Gen Z तकनीक के साथ पले-बढ़े हैं. सोशल मीडिया, गेमिंग और डिजिटल संवाद ने उन्हें इंसानी बातचीत से दूर कर दिया है. ऐसे में AI, जो बिना जजमेंट के संवाद करता है, उन्हें अधिक सुरक्षित और समझदार साथी लगता है.

खतरे भी हैं मौजूद

हालांकि यह ट्रेंड रोमांचक लग सकता है, लेकिन इसके खतरे भी हैं. विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि AI कभी भी इंसानी भावनाओं और जटिलताओं को पूरी तरह नहीं समझ सकता. साथ ही, AI के साथ अत्यधिक जुड़ाव मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकता है.

AI और इंसान के रिश्तों की यह नयी परिभाषा समाज के लिए एक बड़ा सवाल है, क्या तकनीक हमारी भावनाओं की जगह ले सकती है? या यह सिर्फ एक अस्थायी सहारा है?

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