Explainer: एक ही दिन हजारों सिनेमाघरों में कैसे रिलीज होती है मूवी, क्या है पर्दे के पीछे की टेक्नोलॉजी?
नई मूवी थियेटर में जाकर देखने का शौक हर किसी का होता है. लेकिन क्या आपको पता है कि कोई भी नई मूवी एक ही दिन एक समय पर देश के हजारों थिएटरों में कैसे रिलीज होती है? नहीं न, तो कोई बात नहीं. आज हम आपको बताएंगे इसके पीछे की टेक्नोलॉजी.
Prabhat Khabar Explainer: भारत में कोई भी फिल्म रिलीज होती है, तो उसे सिनेमा हॉल में देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है. क्योंकि, बड़ी स्क्रीन और दमदार साउंड क्वालिटी के साथ फिल्म देखने का मजा ही कुछ और है. खासकर फिल्म अगर एक्शन से भरा हो तो क्या बात. लेकिन कभी आपने सोचा है कि एक ही तारीख और टाइम में भारत के इतने सारे थिएटर्स में एक साथ नई फिल्म को रिलीज कैसे किया जाता है? आखिर इसके पीछे कौन-सी तकनीक और प्रोसेस का इस्तेमाल किया जाता है? जिससे एक समय पर सारे थिएटर्स में नई मूवी रिलीज हो जाती है. अगर आप भी नहीं जानते तो कोई बात नहीं. आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताएंगे.
सभी थिएटर्स में मूवी रिलीज करने का क्या है प्रोसेस? | Movies Release Process
जब कोई भी फिल्म बन कर पूरी तरह से तैयार हो जाती है, तो उसे रिलीज करने के लिए फिल्म प्रोड्यूसर फिल्म को डिस्ट्रीब्यूटर्स को बेचते हैं. हर डिस्ट्रीब्यूटर का एक तय एरिया होता है. जैसे दिल्ली, बेंगलोर, मुंबई, साउथ-नॉर्थ, बिहार-झारखंड या फिर इंटरनेशनल मार्केट. डिस्ट्रीब्यूटर्स अपने एरिया के थिएटर ओनर्स पहले ही डील कर लेते हैं कि नई मूवी के कितने शो और कितने-कितने बजे चलाए जाएंगे.
थियेटर तक ऐसे पहुंचती है मूवी
फिल्म को थियेटर में रिलीज करने के लिए एक Digital Movie Box तैयार किया जाता है. जिसे DCP यानी Digital Cinema Package भी कहा जाता है. DCP एक हाई-क्वालिटी डिजिटल कॉपी होती है. DCP में फिल्म की एक-एक कॉपी को वाटरमार्क के साथ सील किया जाता है. जिससे अगर गलती से भी मूवी लीक होती है, तो उसे आसानी से ट्रेस किया जा सकता है. इस बॉक्स में फिल्म का ऑडियो-वीडियो से लेकर सबटाइटल, इंस्ट्रक्शन सब होता है. बता दें कि, पहले फिल्म को थियेटर तक कूरियर के जरिए पहुंचाया जाता था. लेकिन अब किसी भी फिल्म को नेशनल से लेकर वर्ल्डवाइड थिएटर्स तक शेयर करने के लिए एक सेक्योर नेटवर्क (Secure Network) या फिर Satellite Links का इस्तेमाल किया जाता है. जिससे मूवी फास्ट और सेफ शेयर हो जाती है.
एक साथ रिलीज कैसे होती है?
DCP को थियेटर में डिजिटल की (Digital Key) के जरिए एक्सेस किया जाता है, जिसे Key Delivery Message (KDM) भी कहा जाता है. यह एक डिजिटल ‘चाबी’ होती है, जो सिर्फ तय तारीख और समय पर एक्टिव होती है. ऐसे में रिलीज डेट के दिन थियेटर का स्टाफ DCP को Linux Server के जरिए वेरीफाई करता है और Key को इंस्टॉल करता है. जब सब कुछ सेट हो जाता है, तो थियेटर का सर्वर ऑडियो को स्पीकर्स तक भेजता है और वीडियो को प्रोजेक्टर तक. इससे एक ही समय पर देश और दुनिया के हजारों थिएटरों में फिल्म चलनी शुरू हो जाती है. इसके बाद फिल्म के खत्म होते ही KDM फिल्म को ऑटोमेटिक लॉक कर देते हैं अगले टाइम स्लॉट के प्रीमियर के लिए.
