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फर्जी सिम का अब नहीं चलेगा जुगाड़! DoT ने उतारा दमदार AI हथियार

Fake SIM Detector DoT ASTR: भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) ने फर्जी सिम कार्ड की पहचान और ब्लॉक करने के लिए ASTR नामक AI आधारित सिस्टम लॉन्च किया है. जानिए यह तकनीक कैसे साइबर फ्रॉड को रोकेगी और भारत के टेलीकॉम इकोसिस्टम को सुरक्षित बनाएगी.

By Rajeev Kumar | July 5, 2025 5:17 PM
फर्जी सिम का अब नहीं चलेगा जुगाड़! DoT ने उतारा दमदार AI हथियार

Fake SIM Detector DoT ASTR: देश में बढ़ते साइबर अपराधों और फर्जी सिम कार्ड के दुरुपयोग को रोकने के लिए दूरसंचार विभाग (DoT) ने एक बड़ा कदम उठाया है. विभाग ने ASTR (Artificial Intelligence and Facial Recognition powered Solution for Telecom SIM Subscriber Verification) नामक एक अत्याधुनिक तकनीक लॉन्च की है, जिसे भारत का AI शील्ड कहा जा रहा है.

क्या है ASTR सिस्टम?

ASTR एक ऐसा टूल है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और फेस रिकॉग्निशन तकनीक पर आधारित है. इसका उद्देश्य फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जारी किए गए सिम कार्ड की पहचान करना और उन्हें ब्लॉक करना है. यह सिस्टम यूजर के चेहरे की पहचान कर दस्तावेजों का मिलान करता है. यदि दस्तावेज फर्जी पाए जाते हैं, तो संबंधित सिम कार्ड को तुरंत ब्लॉक कर दिया जाता है.

कैसे करेगा काम?

सिम कार्ड जारी करते समय ग्राहक का चेहरा स्कैन किया जाएगा

AI तकनीक दस्तावेजों से चेहरे का मिलान करेगी

मिलान न होने पर सिम कार्ड को ब्लॉक कर दिया जाएगा

इससे फर्जी सिम कार्ड का उपयोग करने वाले साइबर अपराधियों पर लगाम लगेगी.

DoT का उद्देश्य

DoT ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि ASTR सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि विश्वास, पारदर्शिता और सुरक्षा की दिशा में एक ठोस कदम है. इसका उद्देश्य भारत के टेलीकॉम इकोसिस्टम को स्मार्ट, सुरक्षित और धोखाधड़ी-प्रतिरोधी बनाना है.

फर्जी सिम कार्ड से जुड़ी समस्याएं

भारत में फर्जी सिम कार्ड का उपयोग कर ऑनलाइन ठगी, साइबर फ्रॉड और यहां तक कि आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता रहा है. ऐसे मामलों में ASTR एक प्रभावी हथियार साबित हो सकता है.

सरकार की अपील

DoT ने सभी टेलीकॉम कंपनियों और रिटेलर्स से अपील की है कि वे सिम कार्ड जारी करते समय ASTR सिस्टम का पालन करें और फर्जी दस्तावेजों की जांच में कोई कोताही न बरतें. ASTR सिस्टम भारत में डिजिटल सुरक्षा को एक नई दिशा देने वाला कदम है. यह न केवल फर्जी सिम कार्ड की पहचान करेगा, बल्कि आम नागरिकों को साइबर अपराध से बचाने में भी मददगार साबित होगा.

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