नेताजी ने हिंदू महासभा की विभाजनकारी राजनीति का विरोध किया था : ममता

दार्जिलिंग : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने हिंदू महासभा की ‘विभाजनकारी राजनीति’ का विरोध किया था और वह धर्म निरपेक्ष तथा एकजुट भारत की खातिर लड़े थे. सुश्री बनर्जी ने नेताजी की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग की. उन्होंने कहा कि बोस ने अपने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 24, 2020 2:48 AM

दार्जिलिंग : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने हिंदू महासभा की ‘विभाजनकारी राजनीति’ का विरोध किया था और वह धर्म निरपेक्ष तथा एकजुट भारत की खातिर लड़े थे. सुश्री बनर्जी ने नेताजी की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग की. उन्होंने कहा कि बोस ने अपने संघर्ष के जरिए यह संदेश भेजा कि सभी धर्मों का सम्मान किया जाना चाहिए और एकजुट भारत के लिए लड़ना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

ममता बनर्जी ने सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘नेताजी ने हिंदू महासभा की विभाजनकारी राजनीति का विरोध किया था. वह धर्मनिरपेक्ष भारत के लिए लड़े, लेकिन अब धर्मनिरपेक्षता का पालन करनेवालों को बाहर करने के प्रयास किये जा रहे हैं.’ उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि नेताजी के लापता होने के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए सरकार गंभीर नहीं है.
सुश्री बनर्जी ने कहा, ‘उन्होंने (केंद्र) केवल कुछ ही गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक किया है. सच में क्या हुआ था, यह पता लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाये गये. यह शर्मिंदगी की बात है कि 70 वर्ष से भी अधिक समय बीत जाने के बावजूद हम यह नहीं जान पाये हैं कि उनके साथ क्या हुआ था.’

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