स्वर्ण पदक हासिल करनेवाली प्रीति राई का भव्य स्वागत
कर्सियांग : टाटा स्टील कंपनी मुंबई के तत्वावधान में 19 जनवरी को मुंबई में आयोजित मैराथन प्रतियोगिता में कर्सियांग महकमे के दिलाराम निवासी शरण राई की सुपुत्री प्रीति राई ने चैम्पियन का खिताब जीतकर स्वर्ण पदक हासिल किया. मंगलवार को प्रीति राई के मुंबई से लौटने पर कर्सियांग मोटर स्टैंड में कर्सियांग गोरखा हिल स्पोर्ट्स […]
कर्सियांग : टाटा स्टील कंपनी मुंबई के तत्वावधान में 19 जनवरी को मुंबई में आयोजित मैराथन प्रतियोगिता में कर्सियांग महकमे के दिलाराम निवासी शरण राई की सुपुत्री प्रीति राई ने चैम्पियन का खिताब जीतकर स्वर्ण पदक हासिल किया.
मंगलवार को प्रीति राई के मुंबई से लौटने पर कर्सियांग मोटर स्टैंड में कर्सियांग गोरखा हिल स्पोर्ट्स एसोसिएशन व कर्सियांग डिविजनल बॉडी बिल्डिंग एंड फिटनेस व पावर लिफ्टिंग एसोसिएशन की ओर से कार्यक्रम पूर्वक भव्य स्वागत किया गया.
इस अवसर पर कर्सियांग गोरखा हिल स्पोर्ट्स एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ सदस्यों में मोहन योन्जन, टीटी लामा, दावा गोले, एसबी सुनवार, निर्मल गुरूंग व कर्सियांग डिविजनल बॉडी बिल्डिंग एंड फिटनेस व पावर लिफ्टिंग एसोसिएशन की ओर से संजय छेत्री, ओम प्रकाश चौरसिया सहित हेमंत कुमार दर्नाल, वरिष्ठ पूरोहित तुलसी अधिकारी आदि उपस्थित थे.
समारोह को संबोधित करते हुए प्रीति राई ने बताया कि वे मुंबई में आयोजित इस प्रतियोगिता में 42. 195 किलोमीटर की दूरी तय कर महिला प्रतियोगियों में प्रथम स्थान प्राप्त कर चैम्पियन का खिताब जीता है. पारितोषिक के तहत स्वर्ण पदक, प्रमाण -पत्र व नगद राशि पचास हजार रुपये उन्हें मिला है.
उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित इस मैराथन प्रतियोगिता में देश- विदेश के विविध इलाकों से तकरीबन पांच हजार से अधिक प्रतियोगी शामिल थे. उन्होंने कहा कि भविष्य में यदि अवसर मिला तो, वो भारत का प्रतिनिधित्व करने में भी नहीं चुकेंगी.
आर्थिक दृष्टिकोण से लाचार प्रीति राई ने बताया कि मुंबई में आयोजित प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए दार्जिलिंग के विक्रम राई नामक एक शुभचिंतक ने कुछ आर्थिक मदद की थी. उन्होंने बताया कि पुरस्कार के तहत प्राप्त राशि में से आधा राशि मैराथन दौड़ में व आधा राशि अपनी पढ़ाई में खर्च करेंगी. जानकारी अनुसार प्रीति राई कर्सियांग से मुंबई अकेले गयी थी. मुंबई से लौटकर आने के दौरान भी कर्सियांग अकेले ही पहुंची.