चंद वर्षों में अस्पताल का भवन जर्जर

विभिन्न स्थानों पर पड़ीं दरारें जगह-जगह पीलर को भी नुकसान नीला-सफेद रंग से ढकने की कोशिश प्रबंधन ने शीघ्र काम शुरू होने का किया दावा सिलीगुड़ी : कुछ ही सालों के अंदर सिलीगुड़ी जिला अस्पताल का भवज जर्जर हो गया है. इस भवन में विभिन्न स्थानों छतों,खिड़कियों आदि में दरारें पड़ने लगी है. उचित रख-रखाक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 21, 2019 1:53 AM

विभिन्न स्थानों पर पड़ीं दरारें

जगह-जगह पीलर को भी नुकसान
नीला-सफेद रंग से ढकने की कोशिश
प्रबंधन ने शीघ्र काम शुरू होने का किया दावा
सिलीगुड़ी : कुछ ही सालों के अंदर सिलीगुड़ी जिला अस्पताल का भवज जर्जर हो गया है. इस भवन में विभिन्न स्थानों छतों,खिड़कियों आदि में दरारें पड़ने लगी है. उचित रख-रखाक के अभाव में भवन की हालत और खस्ता हो रही है.यहां कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है. जान जोखिम में डालकर रोगी यहां इलाज करवा पड़ रहे हैं. ऐसे इस अस्पताल को नीले- सफेद रंग से रंग दिया गया है. पहले चटक रंगों के बीच दरारें नहीं दिखती थी. अब रंग की चटकता खत्म होते ही दरारें भी दिखने लगी है.
इलाज के लिए आये रोगियों के परिजनों का आरोप है कि सबकुछ जानकर भी अस्पताल प्रबंधन खामोश है. कोई दूसरा विकल्प नहीं होने के कारण गरीबों के इलाज का एकमात्र सहारा सरकारी अस्पताल है. डर को दरकिनार कर यहीं आकर इलाज कराने की मजबूरी है.ऐसे राज्य सरकार नें चिकित्सा सेवा में सुधार के कई उपाय किये हैं. अस्पतालों के बड़े-बड़े भवन बनाए गये हैं. तमाम तरह की अत्याधुनक मशीनरी लगायी गयी है.
लेकिन देख रेख के अभाव में समस्या विकराल हो रही है. सिलीगुड़ी जिला अस्पताल का भव्य भवन इसका जीता जागता उदाहरण है. अस्पताल भवन में कई जगह दरारें आ गयी है. भवन के प्रसूति विभाग की ओर तो कई पिलर भी जर्जर हो गये हैं. जिस वजह से हर वक्त वहां लोगों के मन में डर बना रहता है. आरोप है कि बीच-बीच में दरारों को नील तथा सफेद रंग से ढक दिया जाता है. अस्पताल प्रबंधन को इस मामले की पूरी जानकारी है. उसके बाद भी कोई कदम नहीं उठाती.
सिलीगुड़ी के चंपासरी इलाके से इलाज के लिए आये सुमन झा तथा नीलम झा ने बताया कि भवन के अधिकतर हिस्सों में दरारें आ गई है. जिसकी वजह से रोगियों की सुरक्षा को लेकर मन में डर बना रहता है. उनके पास इतना संसाधन भी नहीं है कि वे किसी अच्छे नर्सिंग होम में जाकर इलाज करवा सकें. आम लोगों का एकमात्र सहारा सरकारी अस्पताल है.
प्रशासन को इस दिशा में देखने की आवश्यकता है. एनजेपी भक्ति नगर इलाके के निवासी रंजन सरकार ने बताया कि वे अपनी पत्नी के इलाज के लिए आये हैं. फिलहाल भवन तो नया है लेकिन इसमें भी कई जगह दरारें देखी गई है. उनका आरोप है कि इन दरारों को रंग कर ढ़कने का प्रयास किया गया है. उन्होंने बताया कि अस्पताल के बिल्डिंग के कई हिस्सों में अभी भी लकड़ी के छत हैं. रोगी जान जान हथेली पर लेकर इलाज करवा रहे है.

Next Article

Exit mobile version