ट्रेन का टिकट नहीं मिलने से प्रवासी श्रमिक परेशान
कथित तौर पर वहां जाते समय उन पर हमला हुआ. इन प्रवासी मज़दूरों का कुछ दिनों तक अस्पताल में इलाज चला.
कोलकाता. प्रवासी श्रमिकों का कहना है कि वे बंगाल लौटना चाहते हैं, लेकिन लौट नहीं पा रहे हैं. उनका आरोप है कि श्रमश्री परियोजना के तहत ज़िला मजिस्ट्रेट प्रवासी मज़दूरों को घर लौटने के लिए ट्रेन टिकट नहीं दे रहे हैं. इतना ही नहीं, तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य समीरुल इस्लाम फ़ोन नहीं उठा रहे हैं. तीन दिन पहले मुर्शिदाबाद के भगवानगोला, लालगोला और नवग्राम समेत कई इलाकों के प्रवासी मज़दूर तमिलनाडु काम करने गये थे. कथित तौर पर वहां जाते समय उन पर हमला हुआ. इन प्रवासी मज़दूरों का कुछ दिनों तक अस्पताल में इलाज चला. उनका सब कुछ छीन लिया गया. प्रवासी मज़दूर इस चिंता में दिन बिता रहे हैं कि वे घर कैसे लौटेंगे. प्रवासी मज़दूरों का दावा है कि ज़िलाधिकारी ने कहा था कि घर वापसी के लिए टिकट जारी किया जायेगा. आधार कार्ड भेजने के बाद भी टिकट जारी नहीं किया जा रहा. प्रवासी मज़दूर मुस्तफ़िज़ुर रहमान ने कहा कि कोई हमारी मदद नहीं कर रहा है. ज़िलाधिकारी कह रहे हैं कि कोई टिकट जारी नहीं होगा. हमें अपने पैसों से टिकट लेना होगा. अगर हमारे पास पैसे होते, तो हम खुद आ जाते. हमारे पास खाने के लिए भी पैसे नहीं हैं. सांसद समीरुल इस्लाम ने को भी फोन करने पर उन्होंने फोन नहीं उठाया. इस संबंध में मुर्शिदाबाद के ज़िलाधिकारी राजर्षि मित्रा ने कहा कि टिकट काटने का ऐसा कोई आवेदन नहीं मिला है, न ही हमने ऐसा कहा है. जब वह घर लौटेंगे, तो श्रमश्री योजना में जो प्रावधान है, उसके तहत सुविधा दी जायेगी. उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं ग़लत प्रचार हो रहा है. तृणमूल सांसद समीरुल इस्लाम ने कहा कि श्रमश्री योजना के लिए आवेदन करना होगा. दस्तावेज जमा करने होंगे. बहरमपुर से कांग्रेस के पूर्व सांसद अधीर रंजन चौधरी ने प्रवासी श्रमिकों को लेकर ममता बनर्जी पर राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि श्रमश्री योजना शुरू होने के बावजूद प्रवासी मजदूरों को अन्य राज्यों से आने के लिए ट्रेन के टिकट नहीं मिल रहे हैं. सरकार अपने वादे से पीछे हट रही है. मुख्यमंत्री इसे लेकर राजनीति कर रही हैं.
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