ब्रिटेन के उद्योगपतियों के साथ परिवहन मंत्री ने की बैठक

मंत्री ने उद्योगपतियों के दल से राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के संबंध में उनकी विस्तृत योजना के बारे में लिखित दस्तावेज मांगा है.

By GANESH MAHTO | March 12, 2025 1:00 AM

योजना के संबंध में मांगी रिपोर्ट कोलकाता. ब्रिटेन ने पश्चिम बंगाल में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सेक्टर में निवेश करने में रुचि दिखायी है. कोलकाता में ब्रिटेन के उप उच्च आयुक्त की पहल पर ब्रिटेन के उद्योगपतियों के एक दल ने सोमवार को राज्य के परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती के नेतृत्व में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. मंत्री ने उद्योगपतियों के दल से राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के संबंध में उनकी विस्तृत योजना के बारे में लिखित दस्तावेज मांगा है. दल के पास पर्यावरण अनुकूल परिवहन में विशेषज्ञता है, जिसमें ई वाहनों का निर्माण, चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना, ई वाहनों के लिए बैटरी का निर्माण आदि शामिल हो सकते हैं. चक्रवर्ती ने कहा, उन्हें अपनी योजना के साथ-साथ अपनी परियोजना के वित्तीय और सामाजिक प्रभाव को प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है. चूंकि वे सरकार के साथ समन्वय में काम करेंगे, इसलिए यह पता लगाना महत्वपूर्ण होगा कि इसका आम लोगों पर क्या प्रभाव पड़ेगा. आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, 2024 में शहर के चार क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) में 5,925 ईवी पंजीकृत किये गये है, जो 5,897 डीजल वाहनों के पंजीकरण से थोड़े अधिक हैं. यह बदलाव डीजल के मुकाबले स्वच्छ मोबिलिटी समाधानों के लिए बढ़ती प्राथमिकता को दर्शाता है, जिसकी लंबे समय से इसके हानिकारक उत्सर्जन और पर्यावरणीय प्रभाव के लिए आलोचना की जाती रही है.राज्य वर्तमान में दो और चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पंजीकरण शुल्क, सड़क कर और अतिरिक्त करों में वन टाइम छूट भी दे रहा है. जो 31 मार्च, 2025 से प्रभावी रहेगा. वहीं 2022 में राज्य ने पहली बार 1 अप्रैल, 2022 से 31 मार्च, 2024 तक ईवी और सीएनजी से चलने वाले सभी श्रेणियों के वाहनों के लिए पंजीकरण शुल्क, कर और अतिरिक्त कर में एक बार छूट की शुरुआत की थी. राज्य सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, स्वच्छ ईंधन वाले वाहनों को अपनाने से बेहतर पर्यावरण का मार्ग प्रशस्त होगा, क्योंकि पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहन शहर के परिवेशी वायु प्रदूषण में 30 प्रतिशत का योगदान करते हैं.

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