चेन पुलिंग के कारण ट्रेनें हो रहीं लेट, अबतक अलार्म खींचते 2196 अरेस्ट
पूर्व रेलवे ने एक बार फिर बिना किसी वैध कारण के ट्रेन में अलार्म चेन खींचने (एसीपी) की बढ़तीं घटनाओं पर चिंता जतायी है
इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना हरकतों के कारण यात्री हो रहे परेशान
संवाददाता, कोलकाता.
पूर्व रेलवे ने एक बार फिर बिना किसी वैध कारण के ट्रेन में अलार्म चेन खींचने (एसीपी) की बढ़तीं घटनाओं पर चिंता जतायी है, जो ट्रेनों की देरी और यात्रियों की असुविधा का एक प्रमुख कारण बनती जा रही है. बार-बार जागरूकता अभियानों और सख्त नियमों के बावजूद, इस आपातकालीन तंत्र का दुरुपयोग एक गंभीर समस्या बनी हुई है.
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, अलार्म चेन का उद्देश्य केवल गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं या सुरक्षा संबंधित आपात स्थितियों में प्रयोग करना है. लेकिन कई मामलों में यात्रियों ने इस तंत्र का उपयोग अत्यंत तुच्छ कारणों जैसे कि किसी रिश्तेदार का इंतजार करना या गैर-निर्धारित स्टेशन पर उतरने के लिए किया. ऐसे गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार से न केवल यात्रा में बाधा उत्पन्न होती है, बल्कि हजारों अन्य यात्रियों की समयबद्ध यात्रा भी प्रभावित होती है.
एसीपी से जुड़े आंकड़े चौंकाने वाले
वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पूर्व रेलवे में 1882 एसीपी मामले दर्ज किये गये, जबकि चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में एक अप्रैल से 25 मई तक ही 314 मामले सामने आ चुके हैं. इसके अलावा, एक जनवरी से 10 मार्च 2025 के बीच 872 मामले दर्ज हुए. यानी इस वर्ष अब तक कुल 2196 यात्रियों को गैर-जरूरी एसीपी उपयोग के कारण गिरफ्तार किया गया है. रेलवे के अनुसार, वर्ष 2024-25 में एसीपी घटनाओं के चलते 785 मेल/एक्सप्रेस और 105 पैसेंजर ट्रेनें देरी से चलीं.
वहीं, एक अप्रैल से 25 मई के बीच, 114 मेल/एक्सप्रेस और 14 पैसेंजर ट्रेनें इसी कारण लेट हुईं. यह न केवल यात्रियों के लिए असुविधा का कारण बनता है, बल्कि समय-संवेदनशील माल और जरूरी सेवाओं के संचालन को भी प्रभावित करता है.
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि कई यात्री आवश्यक साक्षात्कार, प्रतियोगी परीक्षाएं और कार्यालय रिपोर्टिंग समय पर नहीं कर पाते, क्योंकि ट्रेनें विलंब से गंतव्य तक पहुंचती हैं. इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए, पूर्व रेलवे यात्रियों से अनुरोध कर रहा है कि वे केवल वास्तविक आपात स्थितियों में ही अलार्म चेन का उपयोग करें.
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