तृणमूल कांग्रेस सरकार पर सिविल डिफेंस फाइटर्स की मांगों को नजरअंदाज करने का आरोप

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी शुक्रवार को राज्य सचिवालय नबान्न के पास मंदिरतला में नागरिक सुरक्षा कर्मियों के धरना मंच पर पहुंचे और उनकी सेवा संबंधी मांगों को लेकर जारी आंदोलन के प्रति समर्थन जताया.

By AKHILESH KUMAR SINGH | December 27, 2025 1:12 AM

कहा : दान नहीं, अधिकार मांग रहे हैं कर्मचारी

संवाददाता, कोलकातापश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी शुक्रवार को राज्य सचिवालय नबान्न के पास मंदिरतला में नागरिक सुरक्षा कर्मियों के धरना मंच पर पहुंचे और उनकी सेवा संबंधी मांगों को लेकर जारी आंदोलन के प्रति समर्थन जताया. इस दौरान उन्होंने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर नागरिक सुरक्षा कर्मियों की ‘वैध मांगों’ को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया. वेस्ट बंगाल डिजास्टर मैनेजमेंट एंड सिविल डिफेंस फाइटर एसोसिएशन के धरना मंच से शुभेंदु अधिकारी ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि यह संगठन राज्य के करीब 14 हजार नागरिक सुरक्षा कर्मियों का प्रतिनिधित्व करता है. भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि आपदा प्रबंधन में अहम भूमिका निभाने और प्रशिक्षित होने के बावजूद सरकार उनकी समस्याओं को सुनने के लिए कोई प्रतिनिधि तक भेजने में विफल रही है. शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि नागरिक सुरक्षा कर्मी किसी तरह का दान नहीं मांग रहे हैं. ये प्रशिक्षित कर्मी हैं, जो आपदा की स्थिति में अपनी जान जोखिम में डालने को तैयार रहते हैं. उन्होंने प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगों का उल्लेख करते हुए कहा कि इनमें निश्चित काम, 60 वर्ष की आयु तक नौकरी की सुरक्षा, भविष्य निधि और चिकित्सा बीमा जैसे लाभ शामिल हैं. भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर ‘रोजगार विरोधी’ रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार स्थायी रोजगार देने के बजाय ‘भत्तों की संस्कृति’ को बढ़ावा देकर श्रमिकों को आश्रित बनाए रखना चाहती है. उन्होंने सरकारी कर्मचारियों से महंगाई भत्ते (डीए) के अंतर पर भी ध्यान देने का आग्रह किया और दावा किया कि मौजूदा सरकार के बने रहने पर यह अंतर और बढ़ेगा. शुभेंदु अधिकारी ने वर्ष 2020 में आये चक्रवात अम्फान का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित नागरिक सुरक्षा कर्मियों के रहते हुए भी सरकार को कोलकाता में गिरे पेड़ों को हटाने के लिए ओडिशा से आपदा प्रबंधन कर्मियों को बुलाना पड़ा. उन्होंने राज्य सरकार की रोजगार नीति की तुलना ओडिशा सरकार से करते हुए कहा कि वहां आकस्मिक और संविदा श्रमिकों को नियमित किया जा रहा है, जबकि पश्चिम बंगाल में लगभग छह लाख स्थायी पद समाप्त कर दिए गये हैं और रोजगार एक्सचेंजों को बंद कर दिया गया है. शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि भाजपा नागरिक सुरक्षा कर्मियों की मांगों के समर्थन में उनके साथ खड़ी है और सरकार पर इन मांगों को जल्द पूरा करने का दबाव बनायेगी.

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