जेयू में तृतीय वर्ष के छात्रों ने लगाया रैगिंग का आरोप
आरोप है कि हाल ही में जब कुछ छात्र मेन हॉस्टल के कमरे देखने गये थे, तो वरिष्ठ छात्रों ने उन्हें धमकाया. उनका कहना है कि जेयू के हॉस्टलों में रैगिंग कल्चर आज भी पहले से जैसा ही कायम है.
कोलकाता. जादवपुर विश्वविद्यालय में एक बार फिर रैगिंग का मामला सामने आया है. जेयू के न्यू बॉयज हॉस्टल के करीब 50 तृतीय वर्ष के छात्रों ने अरबिंदो भवन के सामने प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि जब तक मेन हॉस्टल (ए-1 और ए-2 ब्लॉक) से रैगिंग के आरोपित छात्रों को नहीं हटाया जाता, वे वहां शिफ्ट नहीं होंगे. ये छात्र उसी बैच के हैं, जिसके दौरान दो वर्ष पहले मेन हॉस्टल में रैगिंग के चलते एक छात्र की मौत हुई थी. आरोप है कि हाल ही में जब कुछ छात्र मेन हॉस्टल के कमरे देखने गये थे, तो वरिष्ठ छात्रों ने उन्हें धमकाया. उनका कहना है कि जेयू के हॉस्टलों में रैगिंग कल्चर आज भी पहले से जैसा ही कायम है. छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय की जांच समिति ने 17 छात्रों को दोषी पाया था और उनके निलंबन व हॉस्टल से निष्कासन की सिफारिश की थी. लेकिन दोषी छात्रों ने अदालत से स्थगनादेश (स्टे ऑर्डर) ले लिया, जिसके कारण वे अब भी मेन हॉस्टल में रह रहे हैं. आंदोलनकारी छात्रों का कहना है : हम उन्हीं वरिष्ठों के साथ एक ही गेट और डाइनिंग स्पेस साझा करने में सुरक्षित महसूस नहीं करते. या तो उन्हें अन्यत्र भेजा जाये या अलग भवन दिया जाये. दूसरी ओर, मेन हॉस्टल (ए-1 और ए-2) में रहने वाले छात्रों का कहना है कि उनका कोर्स पूरा होने में अब भी 10 महीने बाकी हैं और इस दौरान प्लेसमेंट सीजन भी चल रहा है. ऐसे में अचानक हॉस्टल बदलना उनके लिए मुश्किल होगा. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि अदालत के आदेश के कारण फिलहाल आरोपित छात्रों को हटाना संभव नहीं है. अधिकारियों का मानना है कि तीसरे वर्ष और वरिष्ठ छात्रों को अलग रखने के लिए मेन हॉस्टल में आंतरिक विभाजन (पार्टीशन), अलग डाइनिंग स्पेस और कॉमन रूम जैसी व्यवस्था की जा सकती है.
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