डीएलएड का प्रशिक्षण ले रहे अभ्यर्थियों को भी नौकरी का अवसर, होंगी 2,200 नियुक्तियां
सुप्रीम कोर्ट ने छह सप्ताह में नियुक्ति करने का दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने छह सप्ताह में नियुक्ति करने का दिया आदेश
इससे पहले अप्रैल 2025 में शीर्ष अदालत ने नियुक्ति का दिया था फरमान
संवाददाता, कोलकाता
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में डीएलएड मामले को लेकर कलकत्ता हाइकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गांगुली के फैसले को बरकरार रखते हुए रिक्त पदों पर नियुक्ति करने का आदेश दिया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फरमान के बावजूद आदेश का पालन नहीं हुआ है.
सुप्रीम कोर्ट ने चार अप्रैल 2025 को ही मामले में फैसला सुनाया था और राज्य सरकार से नियुक्ति प्रक्रिया जारी रखने के लिए कहा था. लेकिन आदेश का अनुपालन नहीं होने पर अभ्यर्थियों ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को छह सप्ताह में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया.
गौरतलब है कि इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गांगुली की सिंगल बेंच के फैसले के आधार पर ही नियुक्ति की जा सकती है.
इस फैसले के बाद 2,200 अभ्यर्थियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया था, लेकिन अभी तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है.
क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि प्राथमिक शिक्षा पर्षद ने 2022 में प्राथमिक में 11,758 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति जारी की. पहले विज्ञप्ति में पर्षद ने बताया कि चालू शिक्षा वर्ष में जो अभ्यर्थी डीएलएड का प्रशिक्षण ले रहे हैं, वे भी नियुक्ति प्रक्रिया हिस्सा ले सकते हैं. पर्षद के इस फैसले के खिलाफ कलकत्ता हाइकोर्ट में मामला दर्ज हुआ. हाइकोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने पर्षद के फैसले को मान्यता दे दी. फैसले को तत्कालीन न्यायाधीश सुब्रत तालुकदार व न्यायाधीश सुप्रतीम भट्टाचार्य की खंडपीठ में चुनौती दी गयी. खंडपीठ ने पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गांगुली व पर्षद की विज्ञप्ति को खारिज कर दिया था. लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने एकल पीठ के फैसले को सही करार देते हुए नियुक्ति का निर्देश दिया था.
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