स्थगित हो सकती है एसएससी की परीक्षा
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बर्खास्त अभ्यर्थियों को अपनी नौकरी वापस पाने के लिए नयी नियुक्ति परीक्षा देनी ही होगी.
संवाददाता, कोलकाता
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बर्खास्त अभ्यर्थियों को अपनी नौकरी वापस पाने के लिए नयी नियुक्ति परीक्षा देनी ही होगी. हालांकि, नौकरी गंवाने वालों ने बार-बार परीक्षा न देने की गुहार लगायी है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है. सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार सहित सभी की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है, जिससे परीक्षा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने एक नये मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिससे नयी नियुक्ति के लिए होने वाली परीक्षा के स्थगित होने की संभावना बढ़ गयी है. गौरतलब है कि एसएससी नियुक्ति परीक्षा सात और 14 सितंबर को होनी है. लेकिन गुरुवार को बेरोज़गारों के एक वर्ग ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतज़ार कर रहे थे, इसलिए उन्होंने फॉर्म नहीं भरा. सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि अयोग्य उम्मीदवारों को छोड़कर बाकी उम्मीदवारों को परीक्षा देने की अनुमति दी जाये, जिसके लिए नियुक्ति प्रक्रिया स्थगित की जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने फॉर्म न भरने वालों को 10 दिन का और समय देने का आदेश दिया है. अगर इसके लिए परीक्षा की तारीख स्थगित करनी पड़ी, तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्य और एसएससी यह फैसला ले सकते हैं.
इसके साथ ही बेरोजगारों ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक और मुद्दा उठाया. उन्होंने अदालत में कहा कि 2016 में नियुक्ति के लिए स्नातक में 45 प्रतिशत अंक अनिवार्य थे. इस बार यह संख्या बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दी गयी है. ऐसे में कई बेरोजगार इससे वंचित रह सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि योग्य अभ्यर्थियों के लिए यह संख्या तय नहीं होगी, यानी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नौकरी गंवाने वाले योग्य अभ्यर्थियों को 45 प्रतिशत अंक लाने पर ही नियुक्ति के लिए आवेदन करने की छूट रहेगी.
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