अपर प्राइमरी के 1600 अतिरिक्त पद रद्द करने के आदेश को खंडपीठ में चुनौती
कलकत्ता हाइकोर्ट की एकल पीठ द्वारा अपर प्राइमरी स्तर पर वोकेशनल एजुकेशन और फिजिकल एजुकेशन के 1,600 अतिरिक्त पद सृजित करने संबंधी राज्य सरकार की अधिसूचना को रद्द किये जाने के आदेश को अब खंडपीठ में चुनौती दी गयी है.
एकल पीठ के फैसले के खिलाफ अभ्यर्थियों ने की अपील
अगले सप्ताह हो सकती है मामले की सुनवाई
संवाददाता, कोलकाताकलकत्ता हाइकोर्ट की एकल पीठ द्वारा अपर प्राइमरी स्तर पर वोकेशनल एजुकेशन और फिजिकल एजुकेशन के 1,600 अतिरिक्त पद सृजित करने संबंधी राज्य सरकार की अधिसूचना को रद्द किये जाने के आदेश को अब खंडपीठ में चुनौती दी गयी है. इस फैसले के खिलाफ प्रभावित अभ्यर्थियों ने अपील दायर की है. हाइकोर्ट के न्यायाधीश तपोब्रत चक्रवर्ती की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने याचिका स्वीकार कर ली है. इस मामले पर अगले सप्ताह सुनवाई होने की संभावना जतायी जा रही है.
गौरतलब रहे कि इससे पहले एकल पीठ के न्यायाधीश विश्वजीत बसु ने राज्य सरकार द्वारा अपर प्राइमरी स्तर पर वोकेशनल एजुकेशन और फिजिकल एजुकेशन के लिए 1,600 अतिरिक्त पद सृजित करने को लेकर जारी अधिसूचना को खारिज कर दिया था. उन्होंने अपने आदेश में कहा था कि इन पदों पर नियुक्तियां नहीं की जा सकतीं. न्यायाधीश बसु ने कहा था कि ये अतिरिक्त पद वर्ष 2019 में पैनल की मियाद समाप्त होने के बाद सृजित किए गये थे, इसलिए उनकी कोई वैधानिक मान्यता नहीं है. उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा था कि मरे हुए पैनल को इंजेक्शन देकर बचाने की कोशिश की गयी है. अदालत ने स्पष्ट किया था कि यदि अतिरिक्त नियुक्तियां करनी हैं, तो इसके लिए नयी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करनी होगी और नयी भर्ती अधिसूचना जारी करनी होगी. कोर्ट ने यह भी कहा था कि यदि राज्य सरकार अपनी कार्यकारी शक्ति का मनमाने ढंग से उपयोग करती है, तो न्यायालय उस पर नजर रखेगा. उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की ओर से वोकेशनल एजुकेशन के लिए 750 और फिजिकल एजुकेशन के लिए 850 अतिरिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी की गयी थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
