नदिया में 13 बीएलओ के नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं
बीएलओ पद पर नियुक्ति को लेकर नदिया जिले में मचा हड़कंप
चाकदा में प्रशासन ने शुरू की जांच
कल्याणी. नदिया जिले के चाकदा में बड़ा प्रशासनिक विवाद सामने आया है. यहां 322 बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) में से 13 बीएलओ ऐसे पाये गये हैं जिनके नाम 2002 की मतदाता सूची में शामिल नहीं हैं. इस खुलासे के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है और प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है. मतदाता सूची में नाम नहीं, फिर भी मिली जिम्मेदारी ः चाकदा ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) समीरन कृष्ण मंडल ने इस मामले की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि जिन परिवारों के नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं हैं, उन्हीं परिवारों के सदस्य बीएलओ के रूप में कार्यरत पाये गये हैं. यह मामला तब सामने आया जब पूरे राज्य में एसआइआर चर्चा में है.शिक्षक बीएलओ रोनी अधिकारी पर गंभीर आरोप
मामला सबसे पहले ततला नंबर 1 ग्राम पंचायत के मसरा माठपाड़ा इलाके से उजागर हुआ. यहां विष्णुपुर हरिपुकुर प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक और बीएलओ (भाग 91/130) रोनी अधिकारी पर आरोप लगा है कि उनका नाम भी 2002 की मतदाता सूची में नहीं था. बताया गया कि उनके माता-पिता, पुष्पारानी अधिकारी और दुलाल अधिकारी ने 2016 में अवैध रूप से अपने नाम पर दस्तावेज तैयार कराये थे. बाद में 2018 में, रोनी अधिकारी ने कथित रूप से अपने माता-पिता को दस्तावेजों में बड़े भाई-बहन के रूप में दर्शाया था.
परिवार के जवाबों से बढ़ी शंका
जैसे ही यह मामला सामने आया, रोनी अधिकारी और उनके परिवार ने विरोधाभासी बयान दिये. परिवार का दावा है कि केवल वे ही नहीं, बल्कि चाकदा में ऐसे कई परिवार हैं जिनके नाम पुराने मतदाता रिकॉर्ड में नहीं हैं, फिर भी उन्हें जिम्मेदारी दी गयी है.प्रशासन ने शुरू की जांच
बीडीओ समीरन कृष्ण मंडल ने बताया कि उन्होंने इस पूरे मामले की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी है और जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. उन्होंने स्वीकार किया कि कुल 322 बीएलओ में से 13 के नाम पुराने मतदाता रिकॉर्ड में नहीं पाये गये हैं. यह मामला सामने आने के बाद पूरे चाकदा ब्लॉक प्रशासन में हलचल मच गयी है और निर्वाचन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
