केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करने पर पश्चिम बंगाल में रोका गया मनरेगा का फंड

आठ मार्च 2022 तक बंगाल से संबंधित कुल लंबित देनदारी 3,082.52 करोड़ रुपये है

By GANESH MAHTO | December 3, 2025 12:42 AM

कोलकाता. केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने मंगलवार को संसद को बताया कि ग्रामीण विकास विभाग पश्चिम बंगाल में ‘मनरेगा’ फिर से शुरू करने के लिए इसके तौर-तरीकों में सुधार करने की प्रक्रिया में है. वहीं, केंद्र सरकार द्वारा बंगाल के लिए मनरेगा का फंड बंद करने के कारणों के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य द्वारा केंद्र सरकार के निर्देशों का लगातार पालन न करने के कारण महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 की धारा 27 के प्रावधानों को लागू कर नौ मार्च 2022 से पश्चिम बंगाल को योजना के तहत धनराशि जारी करना रोक दिया गया. उन्होंने बताया कि ‘नरेगासॉफ्ट पोर्टल’ के अनुसार, आठ मार्च 2022 तक बंगाल से संबंधित कुल लंबित देनदारी 3,082.52 करोड़ रुपये है, जिसमें मजदूरी घटक के तहत 1,457.22 करोड़ रुपये, सामग्री घटक के तहत 1,607.68 करोड़ रुपये और प्रशासनिक खर्चों के तहत 17.62 करोड़ रुपये शामिल हैं. पासवान ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में लोकसभा में कहा कि पश्चिम बंगाल के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 के श्रम बजट में संशोधन के प्रस्ताव को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) और ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों का पालन नहीं करने को लेकर अधिकार प्राप्त समिति द्वारा मंजूरी नहीं दी गयी. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में मनरेगा के कार्यान्वयन को पुनः आरंभ करने के लिए तथा माननीय कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा पारित 18 जून 2025 के आदेश के अनुसार, ग्रामीण विकास विभाग वर्तमान में उच्च न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन करने के लिए आवश्यक तौर-तरीकों और प्रक्रियाओं में सुधार करने की प्रक्रिया में है. गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 18 जून को केंद्र को निर्देश दिया था कि वह पश्चिम बंगाल में 100 दिन की रोजगार गारंटी योजना मनरेगा को एक अगस्त से लागू करे. हालांकि, केंद्र सरकार ने हाइकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी और सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार को बंगाल में मनरेगा फिर से शुरू करने का निर्देश दिया है और साथ ही बकाया राशि का भी भुगतान करने के लिए कहा है. इसी बीच, केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल में फिर से मनरेगा लागू करने की कवायद शुरू कर दी है.

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