लॉकडाउन ने बदला संगीत की दुनिया का वर्ककल्चर, लॉनलाइन बन रहे हैं गाने और किये जा रहे हैं लॉन्च

संगीत की दुनिया से जुड़े कलाकार लॉकडाउन में और अनलॉक 1 में अपनी क्रिएटिविटी को नये- नये मंच के साथ उजागर कर रहे हैं. फिलहाल जब कलाकार एक मंच पर इकट्ठा होकर कार्यक्रम नहीं कर पा रहे हैं, तो सोशल मीडिया को अपना मंच बनाया है. सोशल मीडिया के तहत विभिन्न मंच फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, जूम आदि का जमकर इस्तेमाल हो रहा है.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 3, 2020 4:20 PM

कोलकाता : कोरोना महामारी (Corona Pandemic) व लॉकडाउन (Lockdown) के कारण जीवन शैली में बदलाव दिखने लगा है. सोशल डिस्टैंसिंग अब महत्वपूर्ण सामाजिक रिवाज के रूप में स्थापित होते जा रहा है. वहीं, संगीत की दुनिया भी लॉकडाउन के बाद प्रभाव से अछूता नहीं है. संगीत की दुनिया से जुड़े कलाकार लॉकडाउन में और अनलॉक 1 में अपनी क्रिएटिविटी को नये- नये मंच के साथ उजागर कर रहे हैं.

फिलहाल जब कलाकार एक मंच पर इकट्ठा होकर कार्यक्रम नहीं कर पा रहे हैं, तो सोशल मीडिया को अपना मंच बनाया है. सोशल मीडिया के तहत विभिन्न मंच फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, जूम आदि का जमकर इस्तेमाल हो रहा है.

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पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के युवा कवि जियाउल शेख ने देशभक्ति गानों से भरे अपना नया अलबम ‘देश अमार’ यूट्यूब पर लॉन्च किया. अलबम को संगीत प्रसिद्ध संतूर वादक व संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से पुरस्कृत पंडित तरुण भट्टाचार्य ने दिया है, जबकि आवाज गायक आकाश ने दी है.

जियाउल शेख बताते हैं कि उन्होंने सैंकड़ों गीत लिखे हैं और उन्हें संगीत में ढ़ाला है. जल्द ही उनके लिखे दो गाने बंगाली फिल्मों में प्रदर्शित होंगे. अभी तक लगभग 150 गाने लिख चुके हैं. उन्होंने कहा कि मेरी कविता ‘नारी’ को काफी प्रशंसा मिली थी. उम्मीद है कि देशभक्ति गानों का यह अलबम लोगों को पसंद आयेगा. इसमें देशभक्ति से जुड़े गाने हैं, जो भारत की वि‍विध संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं.

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प्रसिद्ध संतूर वादक पंडित तरुण भट्टाचार्य ने कहा कि इस अलबम के गाने अनेकता में एकता का संदेश देते हैं तथा भारत की विविधता भरे संस्कृति को दर्शाता है. इससे देश की एकता और अखंडता को बढ़ावा देने में और भी मदद मिलेगी.

Posted By : Samir ranjan.

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