कोर्ट में सबूत देने में विफल होने पर कुणाल घोष ने अभया के पिता पर बोला हमला
तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष द्वारा दायर मानहानि मामले में गुरुवार को बैंकशाल कोर्ट में सुनवाई हुई.
कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष द्वारा दायर मानहानि मामले में गुरुवार को बैंकशाल कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान अभया (आरजी कर अस्पताल में दुष्कर्म व हत्या की शिकार जूनियर महिला चिकित्सक का सांकेतिक नाम) के पिता अदालत में उपस्थित नहीं थे. इस दिन उनकी ओर से पेश हुए वकील घोष के खिलाफ कोई ठोस प्रमाण पेश नहीं कर पाये. सूत्रों के अनुसार, इसके बजाय उन्होंने अदालत से पेनड्राइव मांगते हुए कहा कि यह देखना होगा कि वास्तव में अभया के पिता ने क्या कहा था. घोष ने उक्त मामले को लेकर हमला बोला है. संवाददाताओं से बातचीत में घोष ने कहा : पत्रकारों को बुला कर बार-बार बयान देना आसान है. लेकिन अदालत में जब सबूत की मांग होती है, तो पीछे हटना साफ बताता है कि आरोप झूठे हैं. अभया के पिता ने जो आरोप लगाये हैं, उनके समर्थन में कोई सबूत नहीं है. सिर्फ समय नष्ट करने के लिए बार-बार बहाने बनाये जा रहे हैं. बिना प्रमाण के झूठे आरोप अदालत में टिक नहीं पायेंगे. मैं इस मामले में अंतिम तक कानूनी लड़ाई लडूंगा.
गौरतलब है कि मामले में पूर्व सिविक वॉलंटियर संजय राय को गिरफ्तार किया. बाद में अदालत ने उसे दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनायी. हालांकि राय ने इस फैसले को हाइकोर्ट में चुनौती दी है. घटना के बाद अभया के पिता ने जांच पर गंभीर सवाल उठाये थे. उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार और सीबीआइ, दोनों ने मिलकर मामले को दबाया और केंद्रीय जांच एजेंसी ने रिश्वत लेकर जांच को प्रभावित किया. यहां तक कि उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तृणमूल नेता कुणाल घोष ने सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआइ कार्यालय जाकर मामले में मध्यस्थता की. इन्हीं विवादित बयानों के आधार पर घोष ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है. अदालत ने अब इस मामले की अगली सुनवाई 19 नवंबर तय की है.
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