निकायों में नियुक्ति भ्रष्टाचार के आरोपी अयन की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज

शीर्ष अदालत ने सीबीआइ को तीन महीने में जांच पूरी करने का दिया निर्देश

By SANDIP TIWARI | September 12, 2025 11:26 PM

शीर्ष अदालत ने सीबीआइ को तीन महीने में जांच पूरी करने का दिया निर्देश कोलकाता. राज्य की विभिन्न नगरपालिकाओं में नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार अयन शील की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. शुक्रवार को शीर्ष अदालत में जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस अतुल एस चंदूकर की पीठ ने कहा कि इस मामले में ओएमआर शीट में हेराफेरी के आरोप हैं, जिसकी वजह से हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य बर्बाद हो गया है. साथ ही रुपये लेकर नौकरियां दिये जाने के भी आरोप हैं. हालांकि, साथ ही, शीर्ष अदालत ने मामले की जांच कर रही सीबीआइ के लिए जांच पूरी करने की समय-सीमा तय कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ से 16 नगरपालिकाओं में नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामलों की जांच तीन महीने के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया. साथ ही पीठ ने अयन शील के वकील को तीन महीने बाद जमानत याचिका दायर करने की भी सलाह दी. गौरतलब है कि हुगली के रहने वाले अयन शील को सबसे पहले स्कूल शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले की जांच के दौरान गिरफ्तार किया गया था. उनके साॅल्टलेक स्थित कार्यालय की तलाशी के दौरान कई ओएमआर शीट बरामद की हुई थीं. तभी नगरपालिकाओं में नियुक्ति भ्रष्टाचार का भी खुलासा हुआ. अयन शील काे निष्कासित तृणमूल नेता शांतनु बनर्जी का करीबी बताया गया है. अयन की कंपनी को ही निकायों में नियुक्ति के लिए ओएमआर शीट की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. इसके बाद अयन को नगरपालिका नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में भी गिरफ्तार किया गया. शुक्रवार को अयन शील की वकील मीशा रोहतगी ने जमानत की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि उसके मुवक्किल इस मामले में अप्रैल 2024 से जेल में हैं और मामले की जांच धीमी गति से चल रही है. सीबीआइ का कहना है कि जांच अभी जारी है. इसके बाद ही न्यायाधीश ने जमानत याचिका खारिज कर दी.

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