बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के खिलाफ हिंदू संहति का प्रदर्शन
हिंदू संहति नामक संगठन के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को पड़ोसी देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमलों के विरोध में कोलकाता स्थित बांग्लादेश के उप-उच्चायोग कार्यालय तक रैली निकाली और वहां के अधिकारियों को छह सूत्री मांगपत्र सौंपा.
पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को तत्काल रोकने की उठायी मांग, प्रदर्शनकारियों ने की बांग्लादेश के उप-उच्चायोग कार्यालय के समक्ष रैली
संवाददाता, कोलकाताहिंदू संहति नामक संगठन के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को पड़ोसी देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमलों के विरोध में कोलकाता स्थित बांग्लादेश के उप-उच्चायोग कार्यालय तक रैली निकाली और वहां के अधिकारियों को छह सूत्री मांगपत्र सौंपा. संगठन के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने उप-उच्चायोग के एक वरिष्ठ अधिकारी से मुलाकात कर अपनी मांगें रखीं. इनमें 18 दिसंबर को मेमनसिंह में दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या में शामिल लोगों को कड़ी से कड़ी सजा देने तथा बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और उनके धार्मिक संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग शामिल है. हिंदू संहति की सलाहकार समिति के सदस्य और प्रतिनिधिमंडल में शामिल रजत रॉय ने कहा, “हमने दीपू दास के हत्यारों के साथ-साथ इस घटना की अनदेखी करने वाले पुलिस अधिकारियों को भी अनुकरणीय दंड देने की मांग की है. साथ ही बांग्लादेश सरकार से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की भी मांग की है, जिनके कारण ऐसे हमले हो रहे हैं.” प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने संवाददाताओं को बताया कि उप उच्चायोग के एक अधिकारी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह इन मांगों को बांग्लादेश सरकार तक पहुंचायेंगे. रॉय ने कहा, “हमने इस बात पर भी जोर दिया कि सीमा पार अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों और उनके धार्मिक संस्थानों को पूरी सुरक्षा दी जानी चाहिए. हमने यह भी मांग की कि धार्मिक ग्रंथों के उन अंशों पर प्रतिबंध लगाया जाये, जो असहिष्णुता को बढ़ावा देते हैं और अन्य धर्मों के अनुयायियों को ‘काफिर’ बताकर उनके खिलाफ हिंसा को जायज ठहराते हैं.” रैली उत्तरी कोलकाता के सियालदह स्टेशन से शुरू हुई और शहर के मध्य हिस्से में स्थित बेकबागान में उप-उच्चायोग के कार्यालय की ओर बढ़ी. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सीमा पार अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचारों के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों को परिसर तक पहुंचने से रोकने के उद्देश्य से उप-उच्चायोग कार्यालय के आसपास बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया और सुरक्षा बैरिकेड्स लगाये गये. पुलिस द्वारा गंतव्य से कुछ सौ मीटर पहले रोके जाने के बाद प्रदर्शनकारियों ने उप-उच्चायोग कार्यालय के सामने एजेसी बोस रोड को जाम कर दिया और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. रैली में शामिल तीन सदस्यों को राजनयिक अधिकारियों से मिलने की अनुमति दी गयी, इसके बाद संगठन के प्रतिनिधियों ने बांग्लादेश उप उच्चायोग के अधिकारियों से मुलाकात कर अपने मांगों का ज्ञापन सौंपा.
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