50 दिन वेंटिलेशन पर रहने के बाद मरीज को मिली नयी जिंदगी

मस्तिष्क का वह हिस्सा, जो सांस लेने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है, काम करना बंद कर था. इसके कारण मरीज को एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम भी हो गया.

By GANESH MAHTO | September 13, 2025 1:59 AM

कोलकाता. एमआर बांगुर अस्पताल में लगभग 50 दिनों तक वेंटिलेशन पर रहने के बाद समर दास (37) ने स्वास्थ्य लाभ कर घर लौटकर नयी जिंदगी पायी. समर रानीगंज, आसनसोल के निवासी हैं. मरीज को गाड़ी चलाते समय ब्रेन स्ट्रोक हुआ था, जिसके बाद बर्दवान मेडिकल कॉलेज में उसकी न्यूरो सर्जरी हुई. इसके बाद वह लगभग कोमा में चला गया. मस्तिष्क का वह हिस्सा, जो सांस लेने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है, काम करना बंद कर था. इसके कारण मरीज को एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम भी हो गया. साथ ही सेप्सिस की वजह से उसके गुर्दे और लीवर पर दबाव बढ़ गया था. एमआर बांगुर अस्पताल में उसे वेंटिलेशन पर रखकर कृत्रिम रूप से जीवन रक्षक प्रयास किये गये. मरीज को सीसीयू के बेड नंबर 703 पर भर्ती किया गया, जहां 50 दिनों तक उसे एंटीबायोटिक्स, जीवनरक्षक दवाएं और इंजेक्शन दिये गये. साथ ही चेस्ट फिजियोथेरेपी भी चलती रही. ट्रेकियोस्टोमी के माध्यम से उसके सांस लेने की व्यवस्था की गयी. अस्पताल सूत्रों के अनुसार, डॉ वाई चौहान, डॉ अनिरबन भट्टाचार्य और डॉ सोहम सामंत की देखरेख में इलाज चला. लंबे इलाज के बाद मरीज के फेफड़े सक्रिय हो गये और हाल ही में ट्रेकियोस्टॉमी ट्यूब हटा दी गयी.

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