रिटायर्ड शिक्षक को वेतनमान के अनुसार दें पेंशन: हाइकोर्ट
राज्य के सेवानिवृत शिक्षक ने वेतनमान के अनुसार पेंशन नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस पर सुनवाई करते हुए सेवानिवृत शिक्षक को हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिली है.
संवाददाता, कोलकाता
राज्य के सेवानिवृत शिक्षक ने वेतनमान के अनुसार पेंशन नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस पर सुनवाई करते हुए सेवानिवृत शिक्षक को हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से सेवानिवृत शिक्षक को रिटायर्ड होने से पहले मिल रहे वेतनमान के अनुसार पेंशन देने का आदेश दिया है. बताया गया है कि बर्दवान के दधिया गोपालदास हाई स्कूल के शिक्षक अब्दुल कलाम आज़ाद ने बीकॉम पास करने के बाद पढ़ाना शुरू किया था. उन्होंने 1986 में ””””स्नातक”””” के रूप में स्कूल में काम शुरू किया था. लेकिन बाद में, उस स्कूल में बंगाली में एक पद रिक्त होने के कारण, स्कूल अधिकारियों ने उन्हें बंगाली पढ़ाने की जिम्मेदारी दी और अब्दुल कलाम आजाद ने बंगाली पढ़ाने के लिए 1999 में बंगाली में अपनी मास्टर डिग्री पूरी की. उनका आरोप है कि सेवानिवृत्ति से पहले 2015 तक उन्हें स्नातकोत्तर के रूप में वेतन मिलता रहा. लेकिन 2015 में सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें उस पैमाने पर पेंशन नहीं मिल रही है. शिकायत यह है कि उन्हें स्नातक के समान पेंशन दी जा रही है. शिक्षक ने 2019 में मामला दर्ज कराया था. सरकारी वकील भास्कर प्रसाद वैश्य ने कोर्ट को बताया कि जिला पर्यवेक्षक ने नये वेतनमान में भुगतान की अनुमति नहीं दी. शिक्षक की वकील बेनजीर अहमद ने कहा कि स्कूल की प्रबंधन समिति ने उन्हें इसकी अनुमति दी थी. सब कुछ पता होने के बावजूद डीआई को इसकी जानकारी नहीं दी गयी.
न्यायमूर्ति हरीश टंडन और न्यायमूर्ति प्रसेनजीत विश्वास की खंडपीठ ने कहा कि कोई भी व्यक्ति स्वयं अपना पैमाना निर्धारित नहीं करता है. यद्यपि उन्हें स्कूल में 16 वर्षों तक उच्च वेतनमान प्राप्त हुआ, लेकिन उस समय किसी ने इसकी शिकायत नहीं की.
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