पार्षद नहीं बन सकेंगे वार्ड अध्यक्ष, विस चुनाव से पहले तृणमूल में लागू हो सकता है नया नियम

अगले वर्ष राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए तृणमूल कांग्रेस का सांगठनिक स्तर में बदलाव का सिलसिला जारी है.

By SANDIP TIWARI | September 21, 2025 11:14 PM

कोलकाता. अगले वर्ष राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए तृणमूल कांग्रेस का सांगठनिक स्तर में बदलाव का सिलसिला जारी है. सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व की ओर संकेत दिया गया है कि अब नगर निगम और नगरपालिका क्षेत्रों में पार्षद वार्ड अध्यक्ष नहीं बन सकेंगे. यह नियम चुनाव के पहले लागू हो सकता है. कोलकाता नगर निगम क्षेत्र में इस नये नियम को सख्ती से लागू करने की योजना है. इसी क्रम में तृणमूल के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बक्शी ने अगले सप्ताह उत्तर और दक्षिण कोलकाता जिला इकाइयों की बैठक बुलायी है. यह बैठक उनके दक्षिण कोलकाता स्थित कार्यालय में होने की बात है. इसमें जिला के विधायक और पार्षद भी शामिल होंगे. वार्ड अध्यक्ष के चयन में उनकी राय ली जायेगी. पार्टी की आंतरिक सर्वे रिपोर्ट को भी तैयार किया गया है, जिसे बैठक में रखे जाने की बात है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस नये नियम को लेकर एक सवाल उठ रहा है. अगर पार्षद खुद वार्ड अध्यक्ष नहीं बनते, लेकिन उनके पति, पत्नी या परिवार का कोई सदस्य अध्यक्ष बना दिया जाता है, तो नियम का प्रभाव कमजोर हो सकता है. पार्टी इस स्थिति से बचने के लिए विकल्प पर विचार कर सकती है. चर्चा है कि ऐसे मामलों में स्थानीय स्तर पर किसी वरिष्ठ नेता को वार्ड अध्यक्ष या सभानेत्री बनाया जा सकता है. इस बाबत पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बक्शी पहले ही जिला नेताओं को संदेश भेज चुके हैं. पिछले कुछ हफ्तों में तृणमूल ने संगठन को नये ढांचे में ढालने की कवायद तेज कर दी है. अब पार्टी की नजर कोलकाता नगर निगम क्षेत्र पर है, जहां वार्ड अध्यक्ष और पार्षदों को लेकर अहम फैसला होने की उम्मीद है.

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