जामुड़िया में प्रतिमा विसर्जन के दौरान आतिशबाजी पर विवाद
इस घटना ने स्थानीय राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है.
तृणमूल कांग्रेस के दो गुटों में टकराव, मामला पहुंचा थाने तक जामुड़िया. जामुड़िया विधानसभा क्षेत्र के वार्ड संख्या 5 में रविवार रात दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान आतिशबाजी को लेकर विवाद छिड़ गया, जिसने तृणमूल कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी को खुलकर सामने ला दिया. वार्ड पार्षद वंदना रुईदास और युवा तृणमूल कांग्रेस ब्लॉक-एक के पूर्व उपाध्यक्ष गोपी धीबर के समर्थकों के बीच जमकर झड़प हुई. इस घटना ने स्थानीय राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है. गोपी धीबर का आरोप: पार्षद ने की गाली-गलौज और धक्का-मुक्की ः युवा नेता गोपी धीबर ने बताया कि रात करीब दस बजे आरएनएस क्लब की दुर्गा प्रतिमा विसर्जन शोभायात्रा जामुड़िया गांव से गुजर रही थी. इसी दौरान आतिशबाजी की चिंगारी एक महिला के पैर पर गिर गयी, जिस पर वार्ड पार्षद वंदना रुईदास और उनके पति सीताराम रुईदास ने क्लब के सदस्यों से गाली-गलौज की. धीबर ने आरोप लगाया कि पार्षद ने उनका कॉलर पकड़ लिया और उनके साथ धक्का-मुक्की की, जबकि घटना के समय पुलिस मौजूद थी. धीबर ने आगे आरोप लगाया कि पार्षद ने जातिगत टिप्पणी करते हुए कहा कि “यह दुर्गापूजा ब्राह्मण पाड़ा की है, जो भी करना है अपने पाड़ा में कीजिए.” उन्होंने इसे एक जनप्रतिनिधि के लिए अशोभनीय बताया और कहा कि आरएनएस क्लब की पूजा में हर जाति और समुदाय के लोग शामिल होते हैं. वंदना रुईदास का पक्ष: महिला के झुलसने पर विरोध किया तो हमला हुआ ः वहीं पार्षद वंदना रुईदास ने बताया कि विसर्जन के दौरान सड़क पर आतिशबाजी फोड़ना निषेध था, फिर भी क्लब के सदस्यों ने ऐसा किया, जिससे एक महिला की टांग झुलस गई. उन्होंने केवल इतना कहा कि भविष्य में इस तरह की आतिशबाजी नहीं होनी चाहिए, लेकिन इसके जवाब में क्लब के सदस्यों ने उन पर हमला कर दिया. पार्षद ने स्वीकार किया कि क्लब के सदस्य भी तृणमूल कांग्रेस से जुड़े हैं.
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