मंदिर-मस्जिद की राजनीति कर रही भाजपा व तृणमूल
कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण करने के कथित प्रयासों के खिलाफ नारे लगाते हुए शनिवार को ‘सद्भावना रैली’के तहत कोलकाता में उसी सड़क पर स्थित एक मस्जिद से मंदिर तक एक किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार्च किया.
कोलकाता.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण करने के कथित प्रयासों के खिलाफ नारे लगाते हुए शनिवार को ‘सद्भावना रैली’के तहत कोलकाता में उसी सड़क पर स्थित एक मस्जिद से मंदिर तक एक किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार्च किया. पार्टी ने लोगों से छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद के दिनों को वापस न लाने का आह्वान किया. कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष शुभंकर सरकार ने कहा, ‘हम यह संदेश देना चाहते हैं कि मंदिर और मस्जिद बनाने से भुखमरी दूर नहीं होगी और लाखों लोगों को रोजगार के अवसर नहीं मिलेंगे. हम हर धर्म का सम्मान करते हैं. हम लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़का कर उन्हें धार्मिक पहचान के आधार पर बांटने की राजनीति के खिलाफ हैं. हमारी रैली का मार्ग विभिन्न समुदायों और धार्मिक आस्था के बीच एकता और विविधता में एकता का प्रतीक है.’ शुभंकर सरकार और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी इस रैली में शामिल हुए.रैली एस्प्लेनेड स्थित टीपू सुल्तान मस्जिद से शुरू हुई और सेंट्रल एवेन्यू होते हुए जोड़ासांको क्षेत्र में राम मंदिर के सामने समाप्त हुई. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने दावा किया, ‘हम तृणमूल कांग्रेस के शासन के दौरान बंगाल में व्याप्त कदाचार और भ्रष्टाचार की भी निंदा करते हैं तथा धार्मिक आधार पर लोगों के बीच दरार पैदा करने के प्रयासों के बीच युवाओं के लिए घटते रोजगार अवसरों की भी निंदा करते हैं.’
रैली में शामिल लोगों ने पार्टी और राष्ट्रीय झंडा लिये हुए थे तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तृणमूल कांग्रेस की निंदा करते हुए तख्तियां भी ले रखी थीं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
