एसआइआर के बाद कट सकते हैं डेढ़ करोड़ नाम : निशीथ
पूर्व केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक ने दावा किया कि अगर एसआइआर लागू होता है, तो अकेले कूचबिहार से ही तीन लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम कट जायेंगे. राज्य भर से डेढ़ करोड़ मतदाताओं के नाम सूची से कट सकते हैं.
कोलकाता.
अगर विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) लागू होता है, तो राज्य में कितने मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से कट जायेंगे, इसे लेकर प्रदेश भाजपा के नेता तरह-तरह की भविष्यवाणी कर रहे हैं. अब पूर्व केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक ने दावा किया कि अगर एसआइआर लागू होता है, तो अकेले कूचबिहार से ही तीन लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम कट जायेंगे. राज्य भर से डेढ़ करोड़ मतदाताओं के नाम सूची से कट सकते हैं. उनका कहना था कि ऐसी ग्राम पंचायतें हैं, जहां 2002 से 2025 के बीच मतदाताओं की संख्या दोगुनी हो गयी है. यह भी देखा गया है कि 15 लोगों ने एक ही पिता के नाम से पहचान पत्र बनवाया है. इस पर 30 लोगों ने वोटर कार्ड में नाम जुड़वाने का आवेदन किया है. इसका मतलब है कि ये सब फर्जी हैं. कई जगह तो यह भी देखा गया कि पिता की उम्र 65 वर्ष है, तो पुत्र 55 वर्ष का है.अभी तक 40 प्रतिशत मैपिंग नहीं हुई है. हर मतदाता जिसका नाम 2002 के बाद दर्ज हुआ है, उसे प्रमाण देना होगा. हालांकि उन्होंने आशंका जतायी कि कुछ मतुआ संप्रदाय के लोगों के नाम भी कट सकते हैं.
तृणमूल ने किया पलटवार :
निशीथ के दावे पर तृणमूल कांग्रेस के नेता रवींद्रनाथ घोष ने कहा कि अगर राज्य में एक करोड़ 20 हजार मतदाताओं को मतदाता सूची से बाहर कर दिया जाते हैं, तो मैं कहूंगा कि निशीथ का नाम सबसे पहले हटा देना चाहिए. शुभेंदु व शमिक बार-बार दावा कर रहे हैं कि किसी भी हिंदू शरणार्थी का नाम एसआइआर के कारण नहीं हटेगा. इसके लिए उस शरणार्थी को नागरिकता का प्रमाण देना होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
