बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों को तुरंत रोकना होगा : शुभेंदु अधिकारी
विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बांग्लादेश के उप-उच्चायोग के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की और पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने की मांग की.
संवाददाता, कोलकाता विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बांग्लादेश के उप-उच्चायोग के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की और पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने की मांग की. भाजपा नेता ने इस सप्ताह की शुरुआत में उप-उच्चायोग के सामने प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई को लेकर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर तीखा हमला भी किया. शुभेंदु अधिकारी ने बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए दावा किया कि उप-उच्चायोग के अधिकारियों ने सोमवार से उनसे मिलने से परहेज किया था और कार्यालय के बाहर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी देने के बाद ही वे बातचीत के लिए राजी हुए. पिछले साल अगस्त में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने और अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं के खिलाफ कई घटनाएं हुई हैं. हाल ही में, मयमनसिंह में 25 वर्षीय हिंदू दीपू चंद्र दास की ‘फेसबुक’ पर कथित इस्लाम विरोधी पोस्ट करने के लिए भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि उन्होंने दास का मामला बांग्लादेशी राजनयिकों के समक्ष उठाया और उस पर लगे आरोपों के आधार पर भी सवाल उठाये. भाजपा नेता ने दावा किया कि दास को पुलिस हिरासत से रिहा करने के बाद पीटा गया और उस पर झूठा आरोप लगाया गया कि उसने वह पोस्ट लिखी थी जबकि उसके पास एक साधारण सा मोबाइल फोन था. शुभेंदु अधिकारी ने पीड़ित परिवार को दिये गये मुआवजे के बारे में भी जानकारी मांगी. विपक्ष के नेता ने कहा कि उन्होंने पड़ोसी देश में हिंदू साधु चिन्मय कृष्ण दास की निरंतर हिरासत का मुद्दा उठाया और दावा किया कि उन्हें बिना किसी औचित्य के जेल में रखा गया है. अधिकारी ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश की पिछली सरकारों ने रोहिंग्या मुसलमानों को देश में प्रवेश करने की अनुमति दी थी लेकिन हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने पूछा कि हिंदुओं को क्यों पीटा जा रहा है और उनके घर क्यों जलाये जा रहे हैं?
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