नेशनल हाइवे पर हादसों से बचने के लिए लाल बत्ती जरूरी : ममता बनर्जी

कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वाहनों पर लाल बत्ती लगाने के केंद्र के फैसले का एक बार फिर से विरोध करते हुए इसे मनमाना बताया है. इस संबंध में पूछे गये एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि लाल बत्ती के फैसले के ऊपर हम लोगों ने केंद्र को एक पत्र लिखा है, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 29, 2017 7:11 PM

कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वाहनों पर लाल बत्ती लगाने के केंद्र के फैसले का एक बार फिर से विरोध करते हुए इसे मनमाना बताया है. इस संबंध में पूछे गये एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि लाल बत्ती के फैसले के ऊपर हम लोगों ने केंद्र को एक पत्र लिखा है, जिसका जवाब अभी तक हमें नहीं मिला है. सुश्री बनर्जी ने कहा कि हमें अपनी गाड़ियों में लाल बत्ती लगाने का शौक नहीं है. शहर में तो हम लोगों ने इसका इस्तेमाल बंद ही कर दिया है, केवल राष्ट्रीय राजमार्गों पर इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. राष्ट्रीय राजमार्गों पर चालक शराब पी कर अंधाधुंध गाड़ी चलाते हैं. वाहनों की रफ्तार बेहद तेज होती है. इसलिए दुर्घटना से बचने के लिए मंत्री अपने वाहनों में लाल बत्ती का इस्तेमाल कर रहे हैं.

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अगर वह ऐसा न करें तो क्या सड़क हादसों में अपनी जान गंवा दें. गौरतलब है कि सोमवार को राज्य के खेल मंत्री अरुप विश्वास अपनी गाड़ी में लाल बत्ती लगा कर मिरिक नगरपालिका बोर्ड गठन के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र से जवाब मिलने के बाद ही हम लोग इस नये नियम के बारे में कोई फैसला लेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आधी रात को यह नियम हम लोगों पर थोप दिया. हम लोगों से पूछा तक नहीं, न ही इस मामले में किसी तरह की सुनवाई हुई. जिस रात हम लोगों ने इस कदम पर आत्ति जताते हुए केंद्र को अपने फैसले से अवगत कराया, उसी रात को केंद्र ने लाल बत्ती पर पाबंदी का एलान कर दिया. यह पूरी तरह से एकतरफा व मनमाना फैसला है.
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज पशु वध पर केंद्र की अधिसूचना को ‘‘ जानबूझकर राज्य के अधिकारों का अतिक्रमण’ करार दिया और कहा कि उनकी सरकार इसे स्वीकार नहीं करेगी. केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते वध के लिए पशु बाजारों से पशुओं की खरीद और बिक्री पर रोक लगा दी थी. पर्यावरण मंत्रालय ने पशुओं के साथ क्रूरता निवारण कानून के तहत नए सख्त नियमों को अधिसूचित किया था.
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ममता ने राज्य सचिवालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम इसे कानूनी रुप से चुनौती देंगे. हम इस संबंध में राज्य के महाधिवक्ता से मवविरा करेंगे. मैं केंद्र से अनुरोध करुंगी कि वह राज्य के मामले में हस्तक्षेप नहीं करे और संघीय ढांचे को नष्ट नहीं करे.’ ममता ने कहा कि केंद्र में निर्वाचित सरकार है और उनका अपना अधिकार क्षेत्र है. राज्य सरकार भी निर्वाचित सरकार है और इसका अपना अधिकार क्षेत्र है. उन्होंने कहा, ‘‘यह जानबूझकर राज्य के अधिकारों के अतिक्रमण का प्रयास है. यह अलोकतांत्रिक, असंवैधानिक और अनैतिक है. यह संघीय ढांचे को नष्ट करने का भी प्रयास है.’

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