म्यांमार में भूकंप प्रभावितों के लिए एनडीआरएफ तैयार

म्यांमार और थाईलैंड में आये भूकंप से इमारतें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे नष्ट हो गये हैं. म्यांमार में भूकंप के कारण एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो जाने की सूचना है. सूत्रों के अनुसार, भारत ‘ऑपरेशन ब्रह्म’ के तहत राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम को म्यांमार भेजने के लिए तैयार है. टीम भूकंप बचाव उपकरणों से लैस रखी गयी है.

By BIJAY KUMAR | March 29, 2025 11:09 PM

कोलकाता.

म्यांमार और थाईलैंड में आये भूकंप से इमारतें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे नष्ट हो गये हैं. म्यांमार में भूकंप के कारण एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो जाने की सूचना है. सूत्रों के अनुसार, भारत ‘ऑपरेशन ब्रह्म’ के तहत राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम को म्यांमार भेजने के लिए तैयार है. टीम भूकंप बचाव उपकरणों से लैस रखी गयी है. पश्चिम बंगाल में एनडीआरएफ की सेकेंड बटालियन की टीम को भी सक्रिय रखा गया है.राहत व बचाव कार्य को लेकर एनडीआरएफ की एक टुकड़ी पूरी तरह से तैयार है. शनिवार को एनडीआरएफ के महानिदेशक (डीजी) पीयूष आनंद ने कोलकाता स्थित एनडीआरएफ की सेकेंड बटालियन के रीजनल रिस्पांस सेंटर का जायजा लिया, जहां करीब 85 एनडीआरएफ के कर्मियों को म्यांमार भेजने के लिए तैयार रखा गया है, जिनमें चार महिला कर्मी भी हैं. श्री आनंद ने बताया कि भूकंप प्रभावित म्यांमार में राहत व बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ पूरी तरह से तैयार है. जैसे ही केंद्रीय गृह मंत्रालय का निर्देश होगा, बंगाल से एनडीआरएफ की टीम म्यांमार जाने के लिए रुख करेगी.

एनडीआरएफ के डीजी आनंद ने कहा कि म्यांमार में हुई प्राकृतिक आपदा से भारी तबाही हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से आश्वासन दिया जा चुका है कि भारत प्रभावित क्षेत्रों में हर संभव मदद करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. राहत व बचाव कार्य के लिए बंगाल से एनडीआरएफ की टीम म्यांमार भेजने के सवाल पर उन्होंने कहा : फिलहाल मैं सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि एनडीआरएफ की टीम पूरी तरह से तैयार है. एनडीआरएफ ने अपनी पूरी रिसोर्स को एक्टिवेट कर दिया है. सरकार के निर्देशानुसार ही आगे का कार्य होगा. एनडीआरएफ की प्रमुखता यही होती है कि आपदा प्रभावित क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद की जाये और लोगों की जानें बचायी जा सकें.

इस बीच, भारत ने शनिवार को म्यांमार को 15 टन से अधिक राहत सामग्री भेजी है. यह सामग्री भारतीय वायु सेना के सी130जे सैन्य परिवहन विमान के जरिये म्यांमार के यांगून शहर भेजी गयी. भारत ने इससे पहले वर्ष 2015 में नेपाल और 2023 में तुर्की में आये भूकंप के दौरान भी एनडीआरएफ दल को राहत कार्यों के लिए भेजा था. गत शुक्रवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार और थाईलैंड में भूंकप के कारण उत्पन्न स्थिति पर चिंता जतायी और कहा कि दुख की इस घड़ी में भारत दोनों देशों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है. भारत और म्यांमार के बीच करीब 1,643 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है