मदन मित्र के जमानत स्थानांतरण मामले की सुनवाई पूरी, फैसला आज

कोलकाता : सारधा मामले में गिरफ्तार परिवहन मंत्री मदन मित्र की किस्मत का फैसला शुक्रवार को होगा. उनकी जमानत के स्थानांतरण मामले की सुनवाई गुरुवार को कलकत्ता हाइकोर्ट में पूरी हो गयी.मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस रंजीत कुमार बाग शुक्रवार दोपहर इस अहम मामले पर अपना फैसला सुनायेंगे. गुरुवार को मामले की सुनवाई के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 15, 2015 7:50 AM
कोलकाता : सारधा मामले में गिरफ्तार परिवहन मंत्री मदन मित्र की किस्मत का फैसला शुक्रवार को होगा. उनकी जमानत के स्थानांतरण मामले की सुनवाई गुरुवार को कलकत्ता हाइकोर्ट में पूरी हो गयी.मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस रंजीत कुमार बाग शुक्रवार दोपहर इस अहम मामले पर अपना फैसला सुनायेंगे.
गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान मदन मित्र के वकील शेखर बसु ने सीबीआइ द्वारा दायर इस मामले की अहमियत पर सवाल उठाते हुए कहा कि सीबीआइ ने धारा 407 के अंतर्गत जो मामला दायर किया है, वह मदन मित्र के मामले में नहीं आता है, क्योंकि उनके खिलाफ धारा 409 लगाया गया है, जिसमें अधिक से अधिक सात वर्ष कैद की सजा हो सकती है. इसलिए इस मामले की सुनवाई करने का अधिकार केवल डिवीजन बेंच को है.
फिर सिंगल बेंच इस मामले पर अपना फैसला कैसे सुना सकता है. वहीं सीबीआइ के वकील ने जज की भूमिका पर संदेह प्रकट करते हुए कहा कि उन्हें बताये बगैर और उन्हें बहस का मौका दिये बगैर ही जज ने 29 अप्रैल को मेडिकल रिपोर्ट देने की हिदायत की थी. जबकि शेखर बसु का कहना है कि 11 मई को सीबीआइ ने मामले के स्थानांतरण का मामला क्यों दायर किया.
इतने दिनों तक वे लोग कहां थे. इस पर सीबीआइ के वकील के राघव चारुलु ने कहा कि 11 मई को मदन मित्र को जब अदालत में हाजिर किया गया था, उस फैसले की हमें जानकारी नहीं थी. हमें यह पता था कि 13 मई को मामले की सुनवाई होगी. इस मामले में एक और आरोपी देवब्रत सरकार को जमानत की शर्तो में मिली छूट पर भी सीबीआइ ने सवाल उठाते हुए कहा कि अदालत ने अपने दायरे से बढ़ कर कदम उठाया.
शेखर बसु ने सीबीआइ के इस आरोप का खंडन करते हुए कहा कि अदालत ने इस मामले में किसी तरह की गलती नहीं की है, क्योंकि जमानत के आवेदन के क्षेत्र में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. सीबीआइ ने इस दावे का विरोध करते हुए कहा कि यह बहुत बड़ा घोटाला है, इस मामले में सबूत नष्ट होने की आशंका है.
इसलिए जज ने जो भी किया, वह ठीक नहीं है. दोनों पक्षों के बीच जोरदार बहस के बीच मामले की सुनवाई पूरी हुई. अब शुक्रवार को इस मामले का फैसला सुनाया जायेगा.