सुंदरबन के तटवर्ती क्षेत्रों के विकास पर खर्च होंगे “4000 करोड़

राज्य में सुंदरबन के तटवर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए विश्व बैंक आर्थिक मदद देगा.

By SUBODH KUMAR SINGH | November 19, 2025 12:09 AM

महासागरीय संसाधनों के लिए विश्व बैंक देगा 2870 करोड़ रुपये

योजना पर 1230 करोड़ खर्च करेगी राज्य सरकार

संवाददाता, कोलकाता.

राज्य में सुंदरबन के तटवर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए विश्व बैंक आर्थिक मदद देगा. विश्व बैंक की अधीनस्थ अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण व विकास बैंक (आइबीआरडी) की वित्तीय सहायता से प्रस्तावित महासागरीय संसाधनों व अर्थव्यवस्था के सतत दोहन कार्यक्रम के तहत यह राशि प्रदान की जायेगी. बताया गया है कि विश्व बैंक द्वारा परियोजना लागत का 70 प्रतिशत (2870 करोड़ रुपये) ऋण के रूप में प्रदान किया जायेगा, जबकि शेष 30 प्रतिशत (1230 करोड़ रुपये) राज्य सरकार द्वारा प्रदान किया जायेगा. यह जानकारी मंगलवार को राज्य के सिंचाई व जलमार्ग मंत्री मानस रंजन भुइयां ने दी. बताया गया है कि मंगलवार को सिंचाई मंत्री ने इलाके के जनप्रतिनिधियों और 12 हितधारक कार्यालयों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए श्री भुइयां ने कहा कि भारत के अधिकार क्षेत्र में आने वाले सुंदरबन का क्षेत्रफल लगभग 9630 वर्ग किमी है. इसमें से 5363 वर्ग किमी का पुनरुद्धार किया जा चुका है और शेष 4267 वर्ग किमी संरक्षित मैंग्रोव वन है. उन्होंने बताया कि सुंदरबन क्षेत्र में कई छोटी-बड़ी नदियों, खाड़ियों के बीच लगभग 102 द्वीप हैं. इनमें से 54 द्वीप (उत्तर 24 परगना में छह ब्लॉक और दक्षिण 24 परगना में 13 ब्लॉक) वर्तमान में बसे हुए हैं, जबकि शेष 48 द्वीप पूरी तरह से मैंग्रोव वनों के अंतर्गत हैं और जैव विविधता से भरपूर हैं.

सुंदरबन के क्षेत्रों की नदियों को कटाव से बचाने के लिए करीब 3000 किलोमीटर लंबे तटबंध का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें से 250 किलोमीटर पक्के तटबंध और शेष मिट्टी के तटबंध हैं. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दशकों में, बढ़ते समुद्र तल के कारण सुंदरबन की नदियों और तटीय क्षेत्रों में कटाव हुआ है. बंगाल की खाड़ी में चक्रवातों की तीव्रता बढ़ने के कारण यह कटाव व बाढ़ की समस्या और भी बढ़ गयी है. इसके अलावा, क्षेत्र में सड़क और जल परिवहन से संबंधित बुनियादी ढांचे में और सुधार की आवश्यकता है. उपर्युक्त समस्याओं का समन्वित तरीके से समाधान करना अत्यंत आवश्यक है. तदनुसार, विश्व बैंक और पश्चिम बंगाल सरकार के 12 विभागों के बीच चल रही चर्चाओं और नीदरलैंड के जल संसाधन विशेषज्ञों की तकनीकी सहायता के आधार पर एक व्यापक और एकीकृत योजना तैयार की गयी है. उन्होंने बताया कि प्रस्तावित परियोजना की स्वीकृति प्रक्रिया केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और एजेंसियों में चल रही है. उन्होंने बताया कि इस योजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तरीय तकनीकी संचालन समिति (एसएलटीएससी) का गठन किया गया है, जिसके चेयरमैन राज्य के मुख्य सचिव हैं.

इस समिति के सदस्यों में सिंचाई व जलमार्ग विभाग के अपर मुख्य सचिव और अन्य हितधारक विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव को शामिल किया गया है. मंगलवार को हुई इस बैठक में राज्य सिंचाई एवं जलमार्ग मंत्री मानस रंजन भुइयां के साथ-साथ सुंदरबन विकास मंत्री, स्थानीय सांसद, विधायक, 12 सहभागी विभागों के प्रमुखों, उत्तर और दक्षिण 24 परगना के जिलाधिकारियों और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है