बेवजह चेन खींचने के आरोप में पूर्व रेलवे के 3,651 यात्रियों को किया गया गिरफ्तार
गैर-आपातकालीन स्थितियों में भी यात्रियों द्वारा अलार्म चेन को खींचने की घटनाओं में लगातार इजाफा देखा जा रहा है.
एक जनवरी से 31 अक्तूबर तक दर्ज हुए 3839 मामले
संवाददाता, कोलकाता.
गैर-आपातकालीन स्थितियों में भी यात्रियों द्वारा अलार्म चेन को खींचने की घटनाओं में लगातार इजाफा देखा जा रहा है. कुछ यात्रियों द्वारा ट्रेन के अलार्म चेन का गैर-जिम्मेदाराना तरीके से दुरुपयोग करने के कारण ट्रेनें लगातार लेट हो रही है. जिसके कारण सैकड़ों अन्य यात्रियों को असुविधा होती है. निरंतर जागरूकता अभियानों और अन्य उपायों के बावजूद, यात्रियों का एक वर्ग इस महत्वपूर्ण सुरक्षा तंत्र का दुरुपयोग करने से बाज नहीं आ रहा है.
इस वर्ष 1 जनवरी से 31 अक्तूबर तक, पूर्व रेलवे के चार मंडलों में अलार्म चेन खींचने के कुल 3,839 मामले दर्ज किये गये. उक्त मामलों में आरपीएफ ने 3651 यात्रियों को गिरफ्तार किया. इस दौरान सबसे ज्यादा मामले आसनसोल मंडल में देखने को मिले. आसनसोल मंडल में 1223 मामले हुए और 1191 यात्रियों को गिरफ्तार किया गया, मालदा मंडल में 1278 मामले हुए और 1250 यात्रियों को गिरफ्तार किया गया. इसी तरह से हावड़ा मंडल में 1159 मामले अलार्म खींचने के मिले इस दौरान 1032 यात्रियों को गिरफ्तार किया गया. सियालदह मंडल में 179 मामले हुए इस दौरान आरपीएफ ने 178 यात्रियों को गिरफ्तार किया.
इन घटनाओं के कारण मेल/एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों में काफी देरी हुई है, जिससे न केवल यात्रियों की यात्रा प्रभावित हुई, बल्कि आवश्यक वस्तुओं का परिवहन भी प्रभावित हुआ. इस तरह की देरी के कारण अक्सर यात्री मेडिकल अपॉइंटमेंट, नौकरी के साक्षात्कार या परीक्षाओं से चूक जाते हैं. अकेले अक्तूबर में, अलार्म चेन खींचने के कारण कुल 98 लंबी दूरी की मेल / एक्सप्रेस ट्रेनें समय पर नहीं पहुंच पायीं. आसनसोल मंडल में 37, मालदा मंडल में 31 और हावड़ा मंडल में 27 ट्रेनें यात्रियों द्वारा अलार्म खींचने से देर से रवाना हुईं. पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीप्तिमय दत्त ने बताया कि अलार्म चेन को केवल वास्तविक आपात स्थितियों में उपयोग के लिए डिजाइन किया गया है. यात्रियों के साथ यदि कोई चिकित्सा संकट, दुर्घटनाएं, या तत्काल सुरक्षा जैसे मामले हों तब इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन दुर्भाग्य से, यात्री अपने साथी के इंतजार करने या अनिर्धारित स्टेशनों पर उतरने का प्रयास करने जैसे कारणों से चेन खींच रहे हैं. यह पूरी तरह से अवैध है, ऐसा करने वाले यात्रियों को पकड़े जाने पर दंडित किया जाता है. कई मामलों में जुर्माना या कारावास भी हो सकता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
