फरक्का बैराज का विकल्प जरूरी : झुनझुनवाला

कोलकाता : बंगाल में गंगा की अविरलता में सुधार करने के लिए फरक्का बैराज के विकल्प ढ़ूंढ़ने की आवश्यकता है. इस बैराज के कारण गंगा को लाभ से कहीं अधिक नुकसान हो रहा है. यह बातें भरत झुनझुनवाला ने भारतीय भाषा परिषद की ओर से आयोजित गंगा कांग्रेस 2020 सम्मेलन में कहीं. उन्होंने कहा कि […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 23, 2020 2:52 AM

कोलकाता : बंगाल में गंगा की अविरलता में सुधार करने के लिए फरक्का बैराज के विकल्प ढ़ूंढ़ने की आवश्यकता है. इस बैराज के कारण गंगा को लाभ से कहीं अधिक नुकसान हो रहा है. यह बातें भरत झुनझुनवाला ने भारतीय भाषा परिषद की ओर से आयोजित गंगा कांग्रेस 2020 सम्मेलन में कहीं. उन्होंने कहा कि बंगाल में फरक्का बैराज को रिडिजाइन करने से ही यहां पर गंगा को नदी के जल की क्वालिटी को सुधारा जा सकता है.

बैराज के कारण पानी तो बंगाल में आता है, लेकिन नदी की तलछट बांग्लादेश की ओर चली जाती है. फरक्का बैराज के कारण बिहार और सुंदरवन दोनों ही बुरी तरह से प्रभावित होते हैं. इसके अलावा बैराज की तल में कटाव होने के कारण आसपास के गांव में बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है.
इस दौरान गंगा मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रह्लाद राय गोयनका ने कहा कि गंगा नदी से पूरे भारत के लोग किसी न किसी तरह से जुड़े हुए हैं.
यह किसी व्यक्ति विशेष की नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र से जुड़ा हुआ है. इस विषय पर राज्य सरकार के साथ केंद्र सरकार के पास अपील करेंगे. इस दौरान डॉ सोमेंद्र विश्वास, अवली वर्मा, प्रोफेसर सुप्रतीम कर्मकार, अरुण गुप्ता, डॉ यूके चौधरी, रतन शाह, गोविंद राम अग्रवाल सहित अन्य वक्ताओं ने इस दौरान गंगा मिशन पर चर्चा की.

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