Urban Heat Island में तब्दील हो रहे हैं भारत के शहर, हर मौसम में बढ़ रही है गरमी

कोलकाता : आइआइटी खड़गपुर (IIT Kharagpur) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने पाया है कि देश में ज्यादातर शहर सभी मौसमों (Weathers) में दिन और रात के दौरान मानवीय गतिविधियों के कारण अपने आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से अधिक गरम रह रहे हैं. यानी ‘अर्बन हीट आइलैंड’ (Urban Heat Islands) में तब्दील हो रहे हैं. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 7, 2020 2:07 PM

कोलकाता : आइआइटी खड़गपुर (IIT Kharagpur) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने पाया है कि देश में ज्यादातर शहर सभी मौसमों (Weathers) में दिन और रात के दौरान मानवीय गतिविधियों के कारण अपने आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से अधिक गरम रह रहे हैं. यानी ‘अर्बन हीट आइलैंड’ (Urban Heat Islands) में तब्दील हो रहे हैं.

आइआइटी खड़गपुर के महासागर, नदी, वायुमंडल और भूमि विज्ञान केंद्र (कोरल) के शोधकर्ताओं तथा उसके वास्तुकला एवं क्षेत्रीय योजना विभाग ने अपने अध्ययन में बताया कि देश में 10 लाख से अधिक आबादी वाले बड़े शहरों में दिन के दौरान पारा अधिक दर्ज किया गया और रात में भी पारा अपेक्षाकृत चढ़ा हुआ पाया गया.

आइआइटी-केजीपी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि इस अध्ययन में कहा गया है कि उपनगरों के मुकाबले शहरी इलाकों में अधिक गरम तापमान से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचने की आशंका है, क्योंकि प्रदूषण के अलावा गर्म हवाएं भी सेहत के लिए हानिकारक हो सकती हैं.

एक शोधकर्ता प्रोफेसर अरुण चक्रवर्ती ने कहा, ‘हमारा अध्ययन विस्तृत है. इसमें भारत के गरम शहरी इलाकों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया गया है. हमने 2001 से 2017 के बीच 44 प्रमुख शहरों में सभी मौसमों में तापमान का अध्ययन किया.’

शोध के सह-लेखक प्रोफेसर जयनारायण कुट्टीपुरथ ने कहा, ‘हमारे अध्ययन से मिले सबूत से पता चलता है कि शहर और उसके आस-पास यदि हरियाली हो, तो शहर में तापमान कम हो सकता है.’

उन्होंने कहा कि हरित क्षेत्रों का संरक्षण और विस्तार तथा शहर में और उसके आसपास जलाशयों का संरक्षण करने से शहरी इलाके के गरम तापमान पर लगाम लगाने में मदद मिल सकती है. उन्होंने कहा कि पर्यावरण अनुकूल सामग्री से इमारतों का निर्माण करना भी मददगार साबित हो सकता है.

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