जेयू में बाहरी लोगों ने किया घेराव, धक्का-मुक्की : मुकुल

मुकुल राय व अर्जुन सिंह ने की राज्यपाल से शिकायत राज्य में कानून व्यवस्था न होने का लगाया आरोप कोलकाता : भाजपा नेता मुकुल राय व सांसद अर्जुन सिंह ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ मुलाकात करके जादवपुर विश्वविद्यालय की घटना में प्रशासन के असफल रहने तथा घटना में बाहरी लोगों के शामिल रहने का […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 21, 2019 5:20 AM

मुकुल राय व अर्जुन सिंह ने की राज्यपाल से शिकायत

राज्य में कानून व्यवस्था न होने का लगाया आरोप
कोलकाता : भाजपा नेता मुकुल राय व सांसद अर्जुन सिंह ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ मुलाकात करके जादवपुर विश्वविद्यालय की घटना में प्रशासन के असफल रहने तथा घटना में बाहरी लोगों के शामिल रहने का आरोप लगाया. राज्यपाल से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बातीत में श्री राय ने कहा कि गुरुवार को केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के साथ धक्का मुक्की करने व घेराव की घटना में बाहरी लोग शामिल थे. इस संबंध में उन्होंने कुछ तस्वीरें भी राज्यपाल को सौंपी हैं.
उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने काफी साहस का परिचय दिया और विश्वविद्यालय से बाबुल सुप्रियो को छुड़ाया. राज्यपाल के जेयू में जाने पर भी विश्वविद्यालय में न तो पुलिस आयुक्त मौजूद थे, न उपायुक्त, न डीजी और यहां तक कि एक कॉन्सटेबल भी मौजूद नहीं था. यह लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है. श्री राय ने कहा कि राज्य की गृह मंत्री भी ममता बनर्जी ही हैं जो जादवपुर की घटना को संभालने में असफल रही हैं. उन्हें और शिक्षा मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए.
पश्चिम बंगाल में अराजकता की स्थिति होने का आरोप लगाते हुए श्री राय ने कहा कि वीरभूम में भाजपा कार्यकर्ता की मौत होने पर तृणमूल कांग्रेस के इशारे पर एसपी भाजपा नेताओं को ही गिरफ्तार कर रहे हैं. यही हाल पुरुलिया में भी है. बैरकपुर के पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा मानो खुद को श्रेष्ठ तृणमूल कार्यकर्ता साबित करने पर तुले हुए हैं. श्री राय ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार अधिक दिनों तक नहीं चलने वाली. इसलिए वह पुलिस से गुजारिश करेंगे कि वह अपने कर्तव्य का पालन बिना डरे करें और तृणमूल के इशारे पर न चले.
मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए श्री राय ने कहा कि प्रधानमंत्री जब आवश्यक वजहों से बैठक बुलाते हैं तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नहीं जातीं. चाहें वह नीति आयोग की बैठक हो या फिर बजट के पूर्व राज्य सरकारों की मांगों का मसला हो. अब अचानक मुख्यमंत्री के प्रधानमंत्री से मिलने पर सवाल उठ रहे हैं.
बंगाल की जनता मुलाकात की हकीकत जानना चाहती है. ममता बनर्जी के बयान में भी विरोधाभास दिखता है. पहले दिन प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि एनआरसी कोई मुद्दा ही नहीं है, जबकि दूसरे दिन गृह मंत्री अमित शाह को वह एनआरसी संबंधी चिट्टी देती हैं. बंगाल में एनआरसी को लेकर वह सड़कों पर आंदोलन कर रही हैं.

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