किसको मिलेगी प्रदेश भाजपा के संगठनों की कमान, चर्चाओं का बाजार गर्म

कोलकाता : प्रदेश भाजपा के विभिन्न संगठनों के नये अध्यक्षों और पदाधिकारियों की नियुक्ति को लेकर पार्टी में चर्चा गर्म है. दिलीप घोष, देवश्री चौधुरी, लॉकेट चटर्जी व सुभाष सरकार सरीखे नेताओं के सांसद बनने के बाद पार्टी की कमान किसके हाथ में रहे, इसको लेकर मंथन तेज हो गया है. दिलीप घोष के प्रदर्शन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 5, 2019 6:06 AM

कोलकाता : प्रदेश भाजपा के विभिन्न संगठनों के नये अध्यक्षों और पदाधिकारियों की नियुक्ति को लेकर पार्टी में चर्चा गर्म है. दिलीप घोष, देवश्री चौधुरी, लॉकेट चटर्जी व सुभाष सरकार सरीखे नेताओं के सांसद बनने के बाद पार्टी की कमान किसके हाथ में रहे, इसको लेकर मंथन तेज हो गया है. दिलीप घोष के प्रदर्शन को देखते हुए उनके प्रदेश अध्यक्ष के रूप में ही कामकाज संभालने का निर्देश अघोषित रूप से मिल गया है.

इसके साथ ही संगठन महासचिव के रूप में सुब्रत चटर्जी के रहने पर भी कोई विवाद नहीं दिख रहा है. लिहाजा जोे पद खाली हुए हैं, उनको भरा जायेगा. रूपा गांगुली के सांसद बनने के बाद उनकी जगह लॉकेट चटर्जी को महिला मोर्चा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
अब लॉकेट भी सांसद बन गयी हैं. उनकी जगह विकल्प की तलाश हो रही है. खबर है कि इस पद के लिए पूर्व आइपीएस अधिकारी भारती घोष व फैशन डिजाइनर अग्निमित्रा पॉल का नाम आगे चल रहा है. भाजपा सूत्रों के अनुसार भारती घोष सांसद का चुनाव काफी गंभीरता से लड़ीं. इसको देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व की नजर में वह हैं.
इसके अलावा वह पूर्व व पश्चिम मेदिनीपुर में जिस तरह भाजपा का संगठन बढ़ाने का काम कर रही हैं. उसको देखते हुए महिला मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उनका नाम तय माना जा रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कत युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर हो रही है. मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष देवजीत सरकार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि वह चुनाव हार गये हैं.
केंद्रीय नेतृत्व ने उनको संसदीय क्षेत्र में गंभीरतापूर्वक ध्यान देने को कहा है. उनकी जगह तीन लोगों का नाम उभर कर सामने आ रहा है. पहला नाम सप्तश्री चौधरी का आ रहा है. सप्तश्री भाजपा मीडिया सेल की कमान संभाल रहे हैं.
उनको प्रदेश भाजपा के महासचिव सायंतन बसु और राजू बनर्जी का खास बताया जा रहा है. मीडिया को संभालते हुए सप्तश्री की पैठ पार्टी के आलानेताओं में बनती जा रही है, लेकिन भाजपा में उनका पदार्पण एक तरह से नवागत के रूप में है. उनको कड़ी टक्कर युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश दास से मिल रही है.
संघ की पृष्ठभूमि वाले प्रकाश दास की संगठन में अच्छी पकड़ है. युवा मोर्चा के प्रदेश व केंद्रीय नेताओं के बीच उनकी लोकप्रियता और दक्ष संगठक के रूप में उनकी छवि उनको अन्य नेताओं से काफी आगे रख रही है. इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष व अन्य नेताओं के साथ निकटता प्रकाश के लिए वरदान साबित हो रहा है. तीसरा नाम तापस घोष का आ रहा है.
तापस युवा मोरचा के प्रदेश कमेटी में महासचिव के रूप में काम कर रहे हैं. उनको भाजपा के प्रदेश महामंत्री सुब्रत चटर्जी का करीबी बताया जा रहा है, लेकिन संगठन पर पकड़ के नाम पर अन्य प्रदेश के नेता अध्यक्ष के रूप में इनको स्वीकार करने के मूड में नहीं हैं. फिलहाल सबकी निगाह केंद्रीय नेतृत्व पर टिकी है कि अगला अध्यक्ष क्या संगठन से बनेगा या पैराशूट लैंडिग होगी.

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