ममता सरकार से मिले सारे पदक व सम्मान को आइपीएस भारती घोष ने लौटाया

कोलकाता : पश्चिम मेदिनीपुर की पूर्व एसपी आइपीएस और भाजपा नेता भारती घोष ने ममता बनर्जी की सरकार से मिले तमाम पदक और सम्मान को लौटा दिया है. बुधवार को उन्होंने यह जानकारी दी. पश्चिम मेदिनीपुर के झाड़ग्राम स्थित अपने आवास पर भारती घोष ने बताया कि 2012 के बाद से लेकर 2017 तक उन्होंने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 1, 2019 6:39 AM
कोलकाता : पश्चिम मेदिनीपुर की पूर्व एसपी आइपीएस और भाजपा नेता भारती घोष ने ममता बनर्जी की सरकार से मिले तमाम पदक और सम्मान को लौटा दिया है. बुधवार को उन्होंने यह जानकारी दी. पश्चिम मेदिनीपुर के झाड़ग्राम स्थित अपने आवास पर भारती घोष ने बताया कि 2012 के बाद से लेकर 2017 तक उन्होंने माओवाद प्रभावित झाड़ग्राम क्षेत्र में पुलिस अधीक्षक के तौर पर काम किया.
उनके ठोस कानूनी कदम और अचूक रणनीति की वजह से पूरा झाड़ग्राम क्षेत्र माओवाद से मुक्त हुआ. उनके शासनकाल में माओवादी नेता किशनजी पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो गया था. भारती ने कहा : मेरे अच्छे कार्यों को आज ममता बनर्जी भुनाकर कहती हैं कि उनके (ममता) शासनकाल में जंगल महल शांत हो गया.
लेकिन बाद में वहीं ममता मुझसे गैरकानूनी तरीके से काम कराना चाहती थीं. जब मैंने इसका विरोध किया, तो मेरे खिलाफ झूठे मामले बनाये गये और जांच शुरू कर फंसाने की कोशिश की गयी. इसलिए मैंने विरोध स्वरूप मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हाथों मिले सर्वश्रेष्ठ सेवा पुलिस पदक को लौटा दिया है. भारती ने बताया : उन्होंने राज्य सरकार की ओर से मिले अन्य सम्मान भी वापस कर दिया है.
भारती घोष ने दावा किया कि जिस तरह से उन्होंने पदक लौटाने की शुरुआत की है, उसी तरह से अन्य आइपीएस व सिविल अधिकारी भी लौटायेंगे. भारती ने कहा कि पश्चिम बंगाल में काम करनेवाले अधिकारियों को यह समझना होगा कि ममता बनर्जी की सरकार उनका सम्मान करनेवाली नहीं है.
उनके कार्यों को राजनीतिक तौर पर इस्तेमाल करेगी और गैरकानूनी तरीके से काम करने का दबाव बनाया जाय, जो अधिकारी नहीं मानेंगे, उन्हें फंसाया जायेगा. ऐसे में इस सरकार का विरोध करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकारियों को भी पश्चिम बंगाल सरकार से किसी भी तरह का कोई भी पदक लेना बंद कर देना चाहिए, क्योंकि सरकार अधिकारियों का सम्मान करना नहीं जानती.

Next Article

Exit mobile version