बंगाल : भाजपा का सदस्यता अभियान शनिवार से, 2.5 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य

कोलकाता : देशभर में छह जुलाई से भाजपा का एक महीने लंबा सदस्यता अभियान शुरू हो रहा है और इस दौरान पश्चिम बंगाल में पार्टी के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को कम से कम दो लाख नये सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष विश्वप्रिय रायचौधरी ने बताया कि शनिवार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 30, 2019 7:53 PM

कोलकाता : देशभर में छह जुलाई से भाजपा का एक महीने लंबा सदस्यता अभियान शुरू हो रहा है और इस दौरान पश्चिम बंगाल में पार्टी के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को कम से कम दो लाख नये सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है.

प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष विश्वप्रिय रायचौधरी ने बताया कि शनिवार को प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में पार्टी कार्यालय से एक माह लंबा सदस्यता अभियान की औपचारिक शुरुआत की जायेगी. यह अभियान 10 अगस्त तक चलेगा.उत्तर बंगाल के भाजपा प्रमुख रथिन बोस को पश्चिम बंगाल में सदस्यता अभियान का संयोजक तथा प्रदेश भाजपा के मंत्री तुषार कांति घोष को उनका सहायक बनाया गया है. दो वर्ष पहले प्रदश भाजपा के सदस्यों की संख्या 42 लाख थी.

लोकसभा चुनाव में भाजपा को लगभग 2.5 करोड़ मत मिले हैं तथा लोकसभा चुनाव के बाद लगातार लोग भाजपा से जुड़ रहे हैं.भाजपा ने दो करोड़ नये सदस्यों का बनाने का लक्ष्य रखा है. सदस्यता ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रक्रिया से साथ-साथ होगा. ऑनलाइन सदस्यता के लिए मोबाइल नंबर 8980808080 पर मिस्ड कॉल करना होगा. मिस्ड कॉल करने के बाद एक टीओपी नंबर मिलेगा. टीओपी नंबर देने पर एक फार्म आयेगा. उस फार्म को भर कर 8980789807 पर मैसेज करना होगा.

ऑनलाइन सदस्यता ग्रहण करने के साथ ही जिला, मंडल, सशक्तिकेंद्र तथा बूथ स्तर पर ऑफलाइन फार्म भी रहना होगा. फार्म का एक भाग पार्टी कार्यालय में जमा होगा तथा एक भाग सदस्य के पास रहेगा.उन्होंने स्वीकार किया कि ऑनलाइन सदस्यता को पारदर्शी बनाने के लिए ही ऑफलाइन प्रक्रिया साथ-साथ रखी गयी है. इसके साथ ही जो फिलहाल भाजपा के सदस्य हैं. उन्हें भी अपनी सदस्यता का नवीनीकरण कराना होगा. हाल में प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने सदस्यता अभियान की तैयारी की समीक्षा बैठक की थी. उसमें नये सदस्य बनाने की रणनीति पर विचार किया गया था.

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