कोलकाता : लाखों लोगों को मिलेगा रोजगार

कोलकाता : बानतल्ला इलाके में स्थापित कलकत्ता लेदर कॉम्पलेक्स (सीएलसी) आने वाले समय में विश्व के सबसे बड़े लैदर हब के रूप में जाना जायेगा, जिससे प्रत्यक्ष रूप से 6 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा.इस लेदर कॉम्पलेक्स को विकसित करने में राज्य सरकार कुल 540 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इस कॉम्पलेक्स में कारीगरों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 27, 2019 5:14 AM
कोलकाता : बानतल्ला इलाके में स्थापित कलकत्ता लेदर कॉम्पलेक्स (सीएलसी) आने वाले समय में विश्व के सबसे बड़े लैदर हब के रूप में जाना जायेगा, जिससे प्रत्यक्ष रूप से 6 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा.इस लेदर कॉम्पलेक्स को विकसित करने में राज्य सरकार कुल 540 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इस कॉम्पलेक्स में कारीगरों के लिए ट्रेनिंग सर्विस सेंटर, लेबोरेटरी व अंडरग्राउंड पाइप की व्यवस्था के साथ बेहतरीन रोड कनेक्टविटी व अन्य सुविधाओं का विस्तार किया जायेगा.
आनेवाले समय में यह लैदर काम्पलेक्स राज्य के लाखों लोगों के लिए रोजगार का एक बेहतर विकल्प होगा. यह जानकारी मंगलवार को राज्य के वित्त मंत्री डॉ अमित मित्रा ने दी. बानतल्ला लेदर कॉम्पलेक्स में नयी टैनरी के लिए आवेदन करने वाले कुछ नये उद्योगपतियों व टैनरी मालिकों को ऑफर पत्र देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि कलकत्ता लेदर कॉम्पलेक्स (सीएलसी) राज्य सरकार की एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी, जिससे राज्य के व बाहर के लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा.
नयी टैनरियों के खुलने से नये उद्योग विकसित होंगे, जिससे कई लोगों को आर्थिक लाभ होगा. मंत्री का कहना है कि नयी इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ सीइटीपी, सेफ सोलिड वेस्ट साइट, लेदर टेस्टिंग लेबोरेटरी व स्किल डेवलपमेंट सेंटर भी खोले जायेंगे. इस लेदर कॉम्पलेक्स में शुद्ध जल की व्यवस्था के साथ पर्यावरण व प्रदूषण नियमों का भी ध्यान रखा जायेगा. कैनलों में वेस्ट जल छोड़ने से पहले केमिकली, मैकेनिकली व बायलोजिकली उसका ट्रीटमेंट किये जाने की भी व्यवस्था की जा रही है.
कॉम्पलेक्स में डिजाइनर सेंटर के लिए 23 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. मंत्री ने कहा कि वर्तमान में इस कॉम्पलैक्स में 300 टैनरीज व 40 लैदर गुड्स मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयां चल रही हैं. नया इंफ्रास्ट्रक्चर बनने के बाद इस कॉम्पलैक्स की 230 एकड़ जमीन पर 200 नयी टैनरियां, 230 लैदर इकाइयों के साथ फुटवेयर पार्क बनाये जायेंगे. आने वाले कुछ समय में इन सभी इकाइयों से लगभग 27000 करोड़ रुपये का टर्नओवर होने की संभावना है. वर्तमान में 13500 करोड़ रुपये का टर्नओवर है. अभी लगभग 2.5 लाख कर्मचारी काम कर रहे हैं. नयी टैनरियों के खुलने से इस संख्या में पांच लाख की बढ़ोतरी होगी.
मंत्री ने दावा किया कि यह काम्पलैक्स विश्व का सबसे बड़ा लैदर क्लसटर बनेगा, जहां से भारी संख्या में उत्पाद विदेशों में भी निर्यात किये जायेंगे. मंगलवार को इस कार्यक्रम में जमीन के लिए आवेदन करने वाले योग्य आवेदकों को जमीन का एप्रूवल ऑफर पत्र दिया गया. प्रथम चरण में 70 एकड़ जमीन 28 बड़ी, 97 मध्यम व 62 छोटी टैनरियों के लिए आवंटित की गयी हैं. तीन बड़ी टैनरी को ऑफर पत्र दिये गये हैं. इसमें कानपुर, चेन्नई व कोलकाता इकाई शामिल हैं.
इस प्रक्रिया में मंगलवार को कानपुर की 12 बड़ी कंपनियों, चेन्नई की एक बड़ी कंपनी व कोलकाता की 12 बड़ी लेदर कंपनियों को ऑफर पत्र वितरित किये गये. कार्यक्रम में लेदर का व्यवसाय करनेवाले बड़े व मझले उद्योगपित भारी संख्या में उपस्थित रहे. उल्लेखनीय है कि हाल ही में राज्य सरकार ने इस लैदर काम्पलैक्स से आइटी सेक्टर, राजारहाट के बंगाल सिलिकॉन वैली में शिफ्ट किये जाने का कदम उठाया है. इससे 130 एकड़ जमीन का हिस्सा खाली हो जायेगा.
इस स्थान पर ज्यादा लैदर उत्पाद इकाइयां खुलेंगी. इस लैदर काम्पलैक्स के सोलिड वेस्ट से बायोगैस उत्पादन के लिए भी सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टीट्यूट के सहयोग से इस कॉम्पलेक्स में एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है.

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