कोलकाता : नये स्कूलों को एनओसी देने से पहले इंफ्रास्ट्रक्चर की होगी जांच : पार्थ

कोलकाता : मंगलवार को ईजेडसीसी में शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने विभाग के अधिकारी, जिले के स्कूल इंस्पेक्टर व डीआइ के साथ एक बैठक का आयोजन किया. इस बैठक में हेडमास्टरों की काउंसिलिंग पर कोर्ट आदेश के स्थगन व स्कूलों में नियुक्ति के मामले को लेकर बातचीत की गयी. मंत्री ने इस बैठक में स्कूल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 30, 2019 5:47 AM
कोलकाता : मंगलवार को ईजेडसीसी में शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने विभाग के अधिकारी, जिले के स्कूल इंस्पेक्टर व डीआइ के साथ एक बैठक का आयोजन किया. इस बैठक में हेडमास्टरों की काउंसिलिंग पर कोर्ट आदेश के स्थगन व स्कूलों में नियुक्ति के मामले को लेकर बातचीत की गयी.
मंत्री ने इस बैठक में स्कूल इंस्पेक्टरों व शिक्षा अधिकारियों से यह जानने की कोशिश की कि कोर्ट में इतने मामले क्यों दायर किये जा रहे हैं, इसके पीछे कारण क्या है.
मंत्री ने सभी अधिकारियों व एसआइ को अपने काम के प्रति गंभीर रहने की चेतावनी के साथ उनकी क्लास ली. बाहर आकर पत्रकारों के सवालों के जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि नये इंगलिश मीडियम स्कूलों को पहले अपेक्षित इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कूलों में ठीक करना होगा.
सरकार एनओसी देने से पहले यह देखेगी कि नये इंगलिश मीडियम स्कूलों में किस तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर है. छात्रों के लिए क्या सुविधाएं मुहैया करायी गयी हैं. स्कूल शिक्षा विभाग के साथ रिव्यू बैठक करने के बाद, मंत्री ने कहा कि किसी भी नये निजी इंगलिश मीडियम स्कूल के आवेदन पर एनओसी देने से पहले पूरी जांच की जायेगी. सरकार की ओर से निरीक्षण टीम यह देखेगी कि उस स्कूल में पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर है कि नहीं.
स्कूल की इमारत, पर्याप्त शिक्षक, शुद्ध पेयजल व अन्य सुविधाएं हैं कि नहीं. सरकार द्वारा जारी निर्देशों व नियमों का पालन नये स्कूलों को करना होगा. एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि सरकार यह भी देखेगी कि स्कूल के शिक्षकों को अपेक्षित मासिक वेतन मिल रहा है कि नहीं.
ऑनलाइन वेतन देने की क्या व्यवस्था है. इसकी प्रक्रिया देखी जायेगी. मैन्युअल प्रक्रिया से कोई काम नहीं होगा. इस प्रणाली को पूरी तरह बदलने की योजना की जा रही हैं. इसके लिए भी फंड स्कूलों में दिये गये हैं. जब ऑनलाइन व्यवस्था को शत-प्रतिशत लागू किया जायेगा तो कोई भी काम मैन्युअली नहीं किया जायेगा. मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रत्येक शिक्षक को पेंशन का लाभ समय पर देने का आश्वासन दिया है.
वेतन का भुगतान प्रथम सप्ताह में ही करने का प्रयास किया जायेगा. उनका कहना है कि सरकार पश्चिम मेदिनीपुर जिले में बेलपहाड़ी में एक गल्स होस्टल भी बनायेगी, ताकि आवासीय सुविधाओं के साथ लड़कियां शिक्षा हासिल कर सकें. कोर्ट के स्थगन से जुड़े एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि हमको न्यायिक प्रक्रिया में पूरा विश्वास है. कोर्ट समय पर हैडमास्टरों की काउंसिलिंग व नियुक्ति को लेकर निर्देश देगी.
राज्य के लोगों के लिए ज्यादा रोजगार मुहैया कराने के लिए भी नयी व्यवस्था करने पर सरकार जोर दे रही है. पिछली वाममोरचा सरकार की नीतियों के कारण राज्य में बेरोजगारी बढ़ी है, अब वर्तमान टीएमसी सरकार इसका समाधान करने में जुटी है.
इस विषय में बंगीय शिक्षक-ओ-शिक्षाकर्मी समिति के सह सचिव सपन मंडल का कहना है कि सरकार को शिक्षक संगठनों के साथ भी संवाद रखना चाहिए. संवाद नहीं होने के कारण शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी इसका लाभ ले रहे हैं.
शिक्षकों का समय पर काम नहीं होने के कारण वे कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं, इसलिए ज्यादा मामले दायर हो रहे हैं. मंत्री व शिक्षक संगठनों के बीच की दूरी को कम किया जाये तो कई समस्याओं का समाधान हो सकता है.
मंत्री ने इस बैठक में स्कूल इंस्पेक्टरों व शिक्षा अधिकारियों से यह जानने की कोशिश की कि कोर्ट में इतने मामले क्यों दायर किये जा रहे हैं, इसके पीछे कारण क्या है.
मंत्री ने सभी अधिकारियों व एसआइ को अपने काम के प्रति गंभीर रहने की चेतावनी के साथ उनकी क्लास ली. बाहर आकर पत्रकारों के सवालों के जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि नये इंगलिश मीडियम स्कूलों को पहले अपेक्षित इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कूलों में ठीक करना होगा.
सरकार एनओसी देने से पहले यह देखेगी कि नये इंगलिश मीडियम स्कूलों में किस तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर है. छात्रों के लिए क्या सुविधाएं मुहैया करायी गयी हैं. स्कूल शिक्षा विभाग के साथ रिव्यू बैठक करने के बाद, मंत्री ने कहा कि किसी भी नये निजी इंगलिश मीडियम स्कूल के आवेदन पर एनओसी देने से पहले पूरी जांच की जायेगी. सरकार की ओर से निरीक्षण टीम यह देखेगी कि उस स्कूल में पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर है कि नहीं.
स्कूल की इमारत, पर्याप्त शिक्षक, शुद्ध पेयजल व अन्य सुविधाएं हैं कि नहीं. सरकार द्वारा जारी निर्देशों व नियमों का पालन नये स्कूलों को करना होगा. एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि सरकार यह भी देखेगी कि स्कूल के शिक्षकों को अपेक्षित मासिक वेतन मिल रहा है कि नहीं.
ऑनलाइन वेतन देने की क्या व्यवस्था है. इसकी प्रक्रिया देखी जायेगी. मैन्युअल प्रक्रिया से कोई काम नहीं होगा. इस प्रणाली को पूरी तरह बदलने की योजना की जा रही हैं. इसके लिए भी फंड स्कूलों में दिये गये हैं. जब ऑनलाइन व्यवस्था को शत-प्रतिशत लागू किया जायेगा तो कोई भी काम मैन्युअली नहीं किया जायेगा. मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रत्येक शिक्षक को पेंशन का लाभ समय पर देने का आश्वासन दिया है.
वेतन का भुगतान प्रथम सप्ताह में ही करने का प्रयास किया जायेगा. उनका कहना है कि सरकार पश्चिम मेदिनीपुर जिले में बेलपहाड़ी में एक गल्स होस्टल भी बनायेगी, ताकि आवासीय सुविधाओं के साथ लड़कियां शिक्षा हासिल कर सकें. कोर्ट के स्थगन से जुड़े एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि हमको न्यायिक प्रक्रिया में पूरा विश्वास है. कोर्ट समय पर हैडमास्टरों की काउंसिलिंग व नियुक्ति को लेकर निर्देश देगी.
राज्य के लोगों के लिए ज्यादा रोजगार मुहैया कराने के लिए भी नयी व्यवस्था करने पर सरकार जोर दे रही है. पिछली वाममोरचा सरकार की नीतियों के कारण राज्य में बेरोजगारी बढ़ी है, अब वर्तमान टीएमसी सरकार इसका समाधान करने में जुटी है.
इस विषय में बंगीय शिक्षक-ओ-शिक्षाकर्मी समिति के सह सचिव सपन मंडल का कहना है कि सरकार को शिक्षक संगठनों के साथ भी संवाद रखना चाहिए. संवाद नहीं होने के कारण शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी इसका लाभ ले रहे हैं.
शिक्षकों का समय पर काम नहीं होने के कारण वे कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं, इसलिए ज्यादा मामले दायर हो रहे हैं. मंत्री व शिक्षक संगठनों के बीच की दूरी को कम किया जाये तो कई समस्याओं का समाधान हो सकता है.

Next Article

Exit mobile version