झाड़ग्राम : मोदी के डर से एक मंच पर आये हैं विपक्षी नेता – स्मृति ईरानी

झाड़ग्राम : विपक्षी पार्टियों की कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में हाल में हुई रैली पर कटाक्ष करते हुए केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को झाड़ग्राम में कहा कि जो नेता जीवनभर एक दूसरे का विरोध करते रहे वे अपने निजी हितों को पूरा करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डर से एक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 24, 2019 12:56 AM

झाड़ग्राम : विपक्षी पार्टियों की कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में हाल में हुई रैली पर कटाक्ष करते हुए केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को झाड़ग्राम में कहा कि जो नेता जीवनभर एक दूसरे का विरोध करते रहे वे अपने निजी हितों को पूरा करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डर से एक साथ आ गये हैं.

ईरानी ने यहां भाजपा की गणतंत्र बचाओ रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल ने अनोखी स्थिति देखी जहां लोग (विपक्षी नेता) राजनीतिक मंच पर एक साथ आये. उनका जनता के विकास से कोई सरोकार नहीं है. गौरतलब है कि भाजपा की झाड़ग्राम सभा को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह संबोधित करने वाले थे. लेकिन तबीयत खराब होने की वजह से वह मंगलवार को ही मालदा में सभा करने के बाद दिल्ली लौट गये.

ईरानी ने कहा कि वे (विपक्षी नेता) नरेंद्र मोदी के डर से एकसाथ आये हैं. वे अपने निजी हितों को पूरा करने के लिए ही एकसाथ हुए हैं. उन्होंने जिंदगी भर एक दूसरे का विरोध किया, लेकिन नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गयी विकास यात्रा को रोकने के लिए वे एकसाथ आये हैं. ईरानी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की कोशिश करने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मजाक बनाया. उन्होंने कहा कि ममता को कांग्रेस में रहने के दौरान परेशान किया गया था.
आज वही कांग्रेस को साथ लेकर चलने को तैयार हैं. ईरानी ने कहा: भाजपा को रोकने के लिए वह लोग किसी भी अलोकतांत्रिक तरीके से कुछ भी करने पर आमादा हैं. वहीं ममता बनर्जी लोकतंत्र की दुहाई देकर भाजपा विरोधी दलों को लेकर सभा कर रही है और प्रधानमंत्री बनने का मंसूबा पाले हुए हैं.
हालांकि उनका यह सपना पूरा नहीं होगा, क्योंकि देश की जनता फिर से अपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मान चुकी है. जनता को पता है कि वह भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसने के लिए तैयार हैं और विदेशों में देश का मान बढ़ा रहे है. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी सभा को बीच-बीच में बांग्ला में संबोधन कर रही थी. जिसे लोगों ने सराहा.

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