कोलकाता : जंगली क्षेत्रों में एडवेंचर पर्यटन को बढ़ावा

पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पश्चिम बंगाल वन विभाग और पर्यटन विभाग ने संयुक्त रूप से उत्तर बंगाल के जंगली क्षेत्रों को विकसित करने का निर्णय लिया है. राज्य सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार, जनवरी महीने के अंत तक विभिन्न क्षेत्रों में एडवेंचरस ट्रैकिंग और ट्रेल्स की शुरुआत राज्य सरकार करेगी. मिली जानकारी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 23, 2019 1:46 AM

पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पश्चिम बंगाल वन विभाग और पर्यटन विभाग ने संयुक्त रूप से उत्तर बंगाल के जंगली क्षेत्रों को विकसित करने का निर्णय लिया है. राज्य सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार, जनवरी महीने के अंत तक विभिन्न क्षेत्रों में एडवेंचरस ट्रैकिंग और ट्रेल्स की शुरुआत राज्य सरकार करेगी.

मिली जानकारी के मुताबिक राज्य वन विभाग जनवरी के अंत से उत्तर बंगाल के कुछ आरक्षित जंगलों में साहसिक उत्साही और प्रकृति प्रेमियों के लिए ट्रेकिंग और जंगल ट्रेल्स की शुरुआत करेगा.
विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक महानंदा वन्यजीव अभयारण्य, बक्सा टाइगर रिजर्व, नेओरा वैली नेशनल पार्क, जलदापाड़ा नेशनल पार्क, सिंघलिला नेशनल पार्क और सेंकल वन्यजीव अभयारण्य में इसकी शुरुआत की जायेगी. ये जंगली क्षेत्र दार्जिलिंग, कालिम्पोंग और अलीपुरद्वार जिलों में फैले हुए हैं. बताया गया है कि जंगली क्षेत्रों में ट्रेकिंग या नेचर ट्रेल के लिए जाने के लिए, आगंतुकों को वन विभाग से अनुमति लेनी होगी. उन्हें प्रवेश शुल्क और प्रशिक्षित गाइड के लिए शुल्क भी देना होगा.
विभाग की ओर से इसके लिए होमस्टे भी विकसित किया जायेगा. सबसे ऊंचा और कठिन मार्ग नेओरा वैली नेशनल पार्क में है, जो पांच दिवसीय अभियान होगा और लावा से टोडे-टंग्टा तक शुरू होगा, जो चौदफेरी, दौलखोरा, जरीबुटी, अलुबरी, हैटीकेरे, जोरेपोखरी और रूका जैसे क्षेत्रों को कवर करेगा. कालिम्पोंग में स्थित, नेओरा घाटी प्रकृति प्रेमियों के बीच तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रही है.
अगर कोई जलदापाड़ा चुनता है, तो वह लंकापाड़ा से शुरू होगा और पहाड़ों और नदियों के साथ आगे बढ़ते हुए भूटान की सीमा के करीब पहुंच जायेगा. वापसी का मार्ग ऐसा बनाया गया है ताकि टोटोपाड़ा, अलीपुरद्वार के मदारीहाट ब्लॉक में एक आदिम जनजाति के निवास स्थान लंका पड़ा तक वापस पहुंचा जा सकेगा. इस पूरे अभियान में चार दिन का समय लगेगा. दावा किया जा रहा है कि यह शुरू होने के बाद ट्रेक शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए भी सहायक होगा.

Next Article

Exit mobile version