विपक्ष के महागठबंधन से घबरायी कांग्रेस, सलमान खुर्शीद ने कही यह बात

कोलकाता : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद का मानना है कि मौजूदा हालात में पार्टी का अकेले दम पर सत्ता में आना मुश्किल है, लेकिन ‘कांग्रेस को रोकने की कीमत पर’ विपक्षी महागठबंधन नहीं बनना चाहिए. खुर्शीद ने कहा कि वर्ष 2019 के आम चुनावों में भाजपा को हराने के लिए सहयोगियों को त्याग […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 21, 2018 1:20 PM

कोलकाता : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद का मानना है कि मौजूदा हालात में पार्टी का अकेले दम पर सत्ता में आना मुश्किल है, लेकिन ‘कांग्रेस को रोकने की कीमत पर’ विपक्षी महागठबंधन नहीं बनना चाहिए. खुर्शीद ने कहा कि वर्ष 2019 के आम चुनावों में भाजपा को हराने के लिए सहयोगियों को त्याग करने और तालमेल बिठाने के लिए तैयार रहना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘हमारे सभी नेताओं ने साफ कर दिया है कि देश की सरकार को बदलने के लिए गठबंधन की जरूरत है. भाजपा को जाना होगा. गठबंधन को मूर्त रूप देने के लिए चाहे जिस त्याग, तालमेल और बातचीत की जरूरत हो, कांग्रेस वह करने के लिए तैयार है.’

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘लेकिन अच्छा यही रहेगा कि अन्य (विपक्षी) पार्टियों का भी रुख ऐसा ही हो. गठबंधन कांग्रेस को रोकने के लिए नहीं होना चाहिए, गठबंधन भाजपा को हटाने के लिए होना चाहिए और हम किसी भी चीज के लिए तैयार हैं.’ यह पूछे जाने पर कि क्या अकेले के दम पर कांग्रेस का सत्ता में आना संभव है, इस पर खुर्शीद ने कहा, ‘निश्चित तौर पर आज यह मुश्किल है.’

उन्होंने कहा, ‘यदि यह (अकेले दम पर बहुमत पाना) उद्देश्य है, तो हमें पांच साल काम करना होगा, क्योंकि आप तीन साल तक गठबंधन की दिशा में काम करके अचानक यह नहीं कह सकते कि हम (अपने दम पर) जीतने के लिए चुनाव लड़ेंगे. आपको पांच साल लड़ना होगा. आज हम गठबंधन के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठायेंगे कि गठबंधन सफल हो.’

मायावती ने कांग्रेस को दिया झटका

खुर्शीद ने कहा कि कांग्रेस एकमात्र पार्टी है जिसे पूरे देश से सीटें मिलती हैं और अन्य सभी (विपक्षी) पार्टियों को अपने-अपने राज्यों से सीटें मिलती हैं. पूर्व विदेश मंत्री ने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब विपक्ष वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए महागठबंधन बनाने की कोशिशों में जुटा है.

बसपा प्रमुख मायावती ने राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस से गठबंधन नहीं करने का फैसला किया, जिससे महागठबंधन बनने की उम्मीदों को झटका लगा है.

मध्यप्रदेश में कांग्रेस से दूर रहेगी समाजवादी पार्टी

समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी मध्यप्रदेश में कांग्रेस से गठबंधन नहीं करने का फैसला किया है. खुर्शीद ने कहा कि महागठबंधन का मकसद मोदी सरकार को मात देना है. उन्होंने कहा, ‘यदि महागठबंधन में शामिल होने वाले दल इस मकसद को भूलेंगे, तो निश्चित तौर पर यह नहीं बन पायेगा और यह हर पार्टी एवं देश का नुकसान होगा.’ खुर्शीद ने उम्मीद जतायी कि मायावती की बसपा महागठबंधन में लौट आयेंगी. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों के मुद्दे लोकसभा चुनावों से अलग होते हैं.

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