प्रतिमा विसर्जन पर उच्च न्यायालय के फैसले पर बोले दिलीप घोष, हाइकोर्ट का फैसला एेतिहासिक

कोलकाता: दुर्गा पूजा में प्रतिमा विसर्जन को लेकर चल रहे विवाद पर कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने एेतिहासिक करार दिया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पिछले साल की तरह इस बार भी जबरन अपना फैसला थोपने का प्रयास कर रही थीं, ताकि वह खुद को अल्पसंख्यकों की मसीहा साबित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2017 10:43 AM
कोलकाता: दुर्गा पूजा में प्रतिमा विसर्जन को लेकर चल रहे विवाद पर कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने एेतिहासिक करार दिया है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पिछले साल की तरह इस बार भी जबरन अपना फैसला थोपने का प्रयास कर रही थीं, ताकि वह खुद को अल्पसंख्यकों की मसीहा साबित कर सकें. लेकिन कोर्ट ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया है. फिर भी यह सरकार अपनी जिद के आगे किसी की नहीं सुनने का प्रण कर रखी है. यही वजह है कि वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रही हैं, जहां से एक बार फिर उसे लताड़ मिलने की संभावना है.
उन्होंने कहा कि बंगाल की संस्कृति रही है कि यहां सभी लोग एक साथ मिलकर अपना धार्मिक कर्मकांड पूरा करते हैं. लेकिन ममता बनर्जी की वजह से बंगाल में लोगों की धार्मिक और राजनीतिक अधिकार छीना जा रहा है. दुखद बात यह है कि यहां पर विसर्जन की अनुमित लेने के लिए हाइकोर्ट का सहारा लेना पड़ता है. पुलिस रामनवमी के जुलूस पर लाठी चलाती है और स्कूल में सरस्वती पूजा बंद कर दी जाती है. तब उन्हें एकबार भी दर्द नहीं होता. लेकिन मुहर्रम के लिए बिना कहे विसर्जन पर पाबंदी लगाकर वह समाज को बांटने के साजिश कर रही हैं. खुद ममता बनर्जी के अपनी भद्द पिटवा रही हैं, क्योंकि शांतिपूर्ण ढंग से अगर वह विसर्जन और मुहर्रम नहीं करवा सकती हैं, तो इसका मतलब है कि उन्हें अपनी पुलिस और प्रशासन पर भरोसा नहीं है. अगर स्थिति यही है, तो वह दार्जिलिंग और बशीरहाट में जिस तरह केंद्रीय बल का सहारा ली थीं, उसी तरह यहां भी केंद्रीय बल की मदद लें. केंद्र सहयोग करने को तैयार है. दिलीप घोष ने कहा कि प्रदेश जिस दिशा में आगे बढ़ रहा है, उसे देखते हुए साफ लगता है कि आनेवाले दिनों में यहां सेना का राज होगा.