Jagannath Rath Yatra: कोलकाता में रथ पर नहीं, मोटर में निकली भगवान जगन्नाथ की सवारी

West Bengal News| Jagannath Rath Yatra| Mamata Banerjee: कोरोना महामारी के कारण पिछले साल की तरह इस साल भी भगवान जगन्नाथ के भक्तों को ये मौका नहीं मिल पाया. पाबंदियों के बीच कोलकाता में वाहन में भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा देवी की रथ यात्रा निकाली गयी, जो महज कुछ ही मिनटों में तय कर ली गयी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2021 8:42 PM

कोलकाता (नम्रता पांडेय): कोलकाता महानगर में प्रतिवर्ष भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का मंजर कुछ और होता था. राज्य की मुख्यमंत्री भी रथ यात्रा में शामिल होती थीं. भगवान जगन्नाथ साल में एक बार बलदेव व सुभद्रा के साथ रथ पर निकलेंगे की बात सोचकर ही लाखों लोग रथ खींचने के लिए यात्रा में शामिल हो जाते थे.

कोरोना महामारी के कारण पिछले साल की तरह इस साल भी भगवान जगन्नाथ के भक्तों को ये मौका नहीं मिल पाया. पाबंदियों के बीच कोलकाता में वाहन में भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा देवी की रथ यात्रा निकाली गयी, जो महज कुछ ही मिनटों में तय कर ली गयी.

सोमवार को सौभाग्य द्वितीया व रथ पूजा के अवसर पर रथ यात्रा को इस्कॉन मंदिर, 3सी अल्बर्ट रोड से इस्कॉन हाउस, 22 गुरुसदय रोड लगभग 4 किमी की यात्रा संपन्न करायी गयी. भगवान जगन्नाथ अल्बर्ट रोड इस्कॉन हाउस में 20 जुलाई (उल्टा-रथ यात्रा) के शाम चार बजे तक “मासी के घर” में रहेंगे. 20 जुलाई को उल्टा रथ यात्रा के दिन भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा देवी इस्कॉन मंदिर के लिए अपनी वापसी यात्रा शुरू करेंगे.

ममता बनर्जी के भेजे भोग के बाद शुरू हुई यात्रा

इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने बताया कि सीएम ममता बनर्जी की ओर से भेजे गये भोग को लेकर तृणमूल पार्टी के नेता सुब्रत बक्शी इस्कॉन मंदिर पहुंचे थे.

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सुबह लगभग साढ़े 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा भेजे गए भोग के साथ 556 तरह का भोज भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा देवी को भोग लगाया गया.

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उसके बाद मुख्यमंत्री की ओर से आरती की गयी. सीएम कोरोना महामारी को लेकर लगाये गये प्रतिबंध के कारण रथयात्रा इस वर्ष शामिल नहीं हो पायीं.

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सीमित समय में ही होगा दर्शन

अब 13 से 19 जुलाई 2021 तक रोजाना शाम चार बजे से रात आठ बजे तक कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सीमित समय में ही श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ का दर्शन कर पायेंगे. लोग बस वहां से गुजरेंगे और दर्शन करने के तुरंत बाद परिसर से बाहर निकल जायेंगे.

Posted By: Mithilesh Jha

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