‘दुआरे सरकार’ कैंप और मुहर्रम के जुलूस से नहीं फैल रहा कोरोना? CM ममता से दिलीप घोष के सवाल

बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने शनिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र जैसी कोई चीज नहीं है. कोर्ट के फैसले से यह साफ हो चुका है. उन्होंने कहा बंगाल चुनाव के बाद हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया जाएगा, जो हिंसक घटनाओं की जांच करेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2021 4:18 PM

पश्चिम बंगाल में जारी शहीद सम्मान यात्रा में शामिल होने के लिए बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष शनिवार को जलपाईगुड़ी पहुंचे. वो एनजेपी स्टेशन पर उतरकर जलपाईगुड़ी के डीबीसी रोड स्थित पार्टी कार्यालय पहुंचे. यहां पत्रकारों से बातचीत में दिलीप घोष ने कहा कि शहीद सम्मान यात्रा को बाधित किया जा रहा है. पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र जैसी कोई चीज नहीं है. कोर्ट के फैसले से यह साफ हो चुका है. उन्होंने कहा बंगाल चुनाव के बाद हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया जाएगा, जो हिंसक घटनाओं की जांच करेगी.

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बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि हम छोटी-छोटी सभाएं कर रहे हैं. ममता सरकार हमें कोरोना संक्रमण फैलने के नाम पर रोक रही है. राज्य सरकार के ‘दुआरे सरकार’ कैंप्स में लोगों का हुजूम उमड़ रहा है. वहां कोरोना नहीं फैल रहा है? मुहर्रम के मौके पर शुक्रवार को मालदा में एक बड़ी रैली हुई. वहां भी कोरोना नहीं फैला. दिलीप घोष ने कहा कि उत्तर बंगाल से निशीथ प्रामाणिक और जॉन बारला केंद्रीय मंत्री बने हैं. इसे पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस बर्दाश्त नहीं कर पा रही है. ममता सरकार शहीद सम्मान यात्रा रोकना चाहती है.

पश्चिम बंगाल के बंटवारे के सवाल पर दिलीप घोष ने कहा कि आज अगर उत्तर बंगाल या जंगल महल अलग होना चाहता है तो इसके लिए सीएम ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं. सवाल पूछा- अब तक इन क्षेत्रों में विकास क्यों नहीं हुआ? लोगों को बाहर क्यों जाना पड़ता है? क्यों नहीं यहां पर बेहतर स्कूल और कॉलेज बनाए गए हैं? क्यों यहां बेहतर चिकित्सा व्यवस्था नहीं है? दिलीप घोष ने कहा कि अलीपुरदुआर के सांसद जॉन बरला ने एक जन प्रतिनिधि के तौर पर लोगों की लंबे समय से जारी मांगों को उठाया है. अलग राज्य बनाने की मांग पर उनकी पार्टी का अपना स्टैंड है.

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दिलीप घोष जिक्र किया कि गोरखालैंड की मांग लंबे समय से चल रही है. दीदी की सरकार ने भी उन लोगों से हाथ मिलाया है. जब बीजेपी ने उनकी आवाज उठाई तो हम लोग अलगाववादी हो गए. यह अनुचित है. इस मसले पर जिला तृणमूल युवा अध्यक्ष सैकत चटर्जी ने भी अपनी बातें रखते हुए दिलीप घोष के आरोपों पर पलटवार किया है. सैकत चटर्जी का कहना है कि 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने उत्तर बंगाल को अलग राज्य बनाने के बारे में कुछ नहीं कहा था. विधानसभा चुनाव में पराजय के बाद बीजेपी अलग राज्य बनाने की मांग उठा रही है. दिलीप घोष बंगाल का इतिहास नहीं जानते हैं. लार्ड कर्जन से लेकर कविगुरु रविंद्र नाथ टैगोर ने बंगभंग का विरोध किया था. उत्तर बंगाल को दक्षिण बंगाल से कभी अलग नहीं किया जा सकता.

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