बंगाल पुलिस चौकस होती तो बच जाती इकलौती बेटी : तनुश्री चटर्जी
पानागढ़ रनडीहा मोड़ पर कार से हुए हादसे में अपनी बेटी सुतंद्रा चटर्जी की मौत से व्यथित मां तनुश्री चटर्जी यहां पहुंची और अपनी इकलौती संतान का शव देख कर बिलख पड़ीं. बाद में मीडिया के समक्ष कहा, “क्या दोष था मेरी बेटी का? वह अपने काम से जा रही थी, उसे मार दिया गया.”
पानागढ़.
पानागढ़ रनडीहा मोड़ पर कार से हुए हादसे में अपनी बेटी सुतंद्रा चटर्जी की मौत से व्यथित मां तनुश्री चटर्जी यहां पहुंची और अपनी इकलौती संतान का शव देख कर बिलख पड़ीं. बाद में मीडिया के समक्ष कहा, “क्या दोष था मेरी बेटी का? वह अपने काम से जा रही थी, उसे मार दिया गया.” पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी उन्होंने सवाल उठा दिया. पूछा : क्या बंगाल में बार -बार यही होता रहेगा. यहां लड़कियां क्या सुरक्षित नहीं रह पायेंगी ? क्या किसी को न्याय या इंसाफ मिल रहा है? किसी को कुछ भी नहीं मिल रहा है. पुलिस की कोई निगरानी नहीं है. आज मेरी इकलौती बेटी चली गयी है. मेरी बेटी बिहार, ओडिशा, झारखंड, मध्य प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में जाया करती थी. उसको कभी कहीं समस्या नहीं हुई. हमारे बंगाल में सुरक्षा की कमी और कुछ मनचलों की हरकत से मेरी बेटी की जान चली गयी. मेरी बेटी की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी. अब मैं किसके साथ रहूंगी. बेटी ही घर संभालती थी. इस बुढ़ापे में मुझे कौन देखेगा? तनुश्री चटर्जी ने आगे कहा कि उनकी बेटी के हत्यारों को पुलिस पकड़ कर कड़ी से कड़ी सजा दिलाये. उक्त घटना को लेकर बर्दवान सदर भाजपा के जिला उपाध्यक्ष रमन शर्मा ने कहा, “यही बात उत्तर से दक्षिण बंगाल तक चल रही है. बंगाल में विधि-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गया है. यहां की लड़कियां अब सुरक्षित नहीं हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
