चिह्नित हुए सिलिकोसिस के छह नये मरीज इस्पात उद्योग में कार्यरत एक श्रमिक पॉजिटिव
असर. प्रभात खबर की मुहिम का प्रभाव, सिलिकोसिस रोगियों की संख्या हुई 13
20 दिसंबर 2024 को सुबल राय की मौत के बाद अखबार ने छेड़ी थी मुहिम, इस साल जिले में 11 नये रोगी हुए चिह्नित, इससे पहले मरीजों की संख्या थी दो डीएम ने मामले का लिया था संज्ञान, दिया जांच का आदेश, समय-समय पर लगे जांच शिविर, सैकड़ों लोगों के सिलिकोसिस से ग्रस्त होने का किया जा रहा दावा
आसनसोल. लाइलाज रोग सिलिकोसिस के छह नये मरीज चिह्नित होने से जिला में इनकी संख्या 13 पर पहुंच गयी. बुधवार को जिला सिलिकोसिस डायग्नोस्टिक बोर्ड की बैठक में छह नये मरीजों को सिलिकोसिस मरीज होने का पहचान-पत्र दिया गया. पहली बार इस्पात उद्योग में कार्यरत एक श्रमिक को सिलिकोसिस पॉजिटिव पाये जाने से प्रशासन की परेशानी बढ़ गयी है. बुधवार को जिन छह लोगों को सिलिकोसिस मरीज होने का प्रमाण-पत्र मिला, उनमें रानीगंज बेलेबाथन इलाके के निवासी व अंगदपुर स्थित श्याम स्टील के कर्मचारी सुनील दास (52), सालानपुर के निवासी व कांसकुली बाराबनी स्थित आदित्य मंडल के स्टोन क्रशर के कर्मचारी हराधन बाउरी (62), सालानपुर के एथोड़ा मंडलपाड़ा के निवासी व मनोहरबहाल बाराबनी में स्थित आदित्य मिनरल्स कारखाना के कर्मचारी सरजीत मंडल (49), जामुड़िया इलाके के निवासी व रैमिंगमास उद्योग के कर्मचारी उज्ज्वल दास (53), सालानपुर इलाके के निवासी व अलकुशा में स्थित रैमिंगमास उद्योग के कर्मचारी श्रवण बाउरी (फिलहाल अस्पताल में दाखिल) और जामुड़िया कांटाबेड़ियां इलाके के निवासी व स्थानीय निजी उद्योग के कर्मचारी किशन कोड़ा शामिल हैं. इस दिन बोर्ड में कुल 14 संभावित मरीजों को बुलाया गया था. जिनमें से छह को सिलिकोसिस मरीज होने के प्रमाण-पत्र मिले. सूत्रों की मानें, तो सात अन्य मरीजों की एक्स-रे रिपोर्ट बोर्ड में नहीं पहुंचने के कारण इनको लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ. अगले बोर्ड में इन सभी को फिर बुलाया गया. जो 13 मरीज अब तक चिह्नित हुए हैं, उनमें सबसे ज्यादा आठ मरीज सालानपुर प्रखंड इलाके के हैं, जिनमें दो की मौत हो गयी है. कुल्टी के दो हैं, जिनकी मौत हो चुकी है. बाकी जामुड़िया से दो और रानीगंज से एक मरीज की पुष्टि बुधवार को हुई.प्रभात खबर की मुहिम से मामले ने पकड़ा तूल और जिला में चिह्नित हुए 11 नये मरीज
20 दिसंबर 2024 को सालानपुर प्रखंड के रामडी इलाके का निवासी सुबल राय की मौत के बाद प्रभात खबर ने सिलिकोसिस का मुद्दा जमकर उठाया. सुबल राय की मौत का कारण भी उसके परिजनों ने सिलिकोसिस को बताया, उसके एक मेडिकल रिपोर्ट में भी सिलिकोसिस होने की बात कही गयी थी, लेकिन उसे सिलिकोसिस मरीज का प्रमाणपत्र नहीं मिला था. 20.दिसंबर 2024 से पहले जिला में सिलिकोसिस मरीजों की संख्या कुल दो थी. जो कुल्टी इलाके के निवासी थे और उनकी मौत वर्षों पहले हो चुकी थी. उनके परिजन को सिलिकोसिस मरीज के आश्रित होने का सारा सरकारी लाभ मिल रहा है. सुबल राय की मौत के बाद प्रभात खबर ने इस मुद्दे धारावाहिक रूप से खबर प्रकाशित करना शुरू किया. जिलाधिकारी(डीएम) पोन्नमबलम ने इस मुद्दे को संज्ञान में लिया और जांच का आदेश दिया. उसके बाद स्थिति में बदलाव हुआ. जिन इलाकों के सिलिकोसिस मरीज होने की संभावना है, वहां गांव-गांव में, उद्योगों में शिविर लगा कर मरीजों को चिह्नित करने का काम शुरू हुआ. जिसके फलस्वरूप अब तक कुल 11मरीज चिह्नित हो चुके हैं. पांच रैमिंगमास उद्योगों को बंद करने आदेश जारी हुआ, एक उद्योग पर पांच लाख रुपये का जुर्माना हुआ. इस मुद्दे को विभिन्न जगहों पर पत्राचार करने वाले भाजपा नेता अभिजीत राय ने कहा कि सिलिकोसिस मरीजों की संख्या सैकड़ो में हैं. प्रदूषण नियंत्रण विभाग के नियमों की अनदेखी से श्रमिक इस लाइलाज रोग की चपेट में आकर अपनी जान गंवा रहे हैं. इसे लेकर आंदोलन जारी रहेगा.लाइलाज रोग है सिलिकोसिस, मरीज की मौत निश्चित, सरकारी राहत का है प्रावधान
सिलिकोसिस लाइलाज रोग है, जिसका अब तक कोई इलाज नहीं निकला है. यह रोग होने पर मौत निश्चित है. रोगी सिर्फ मौत का इंतजार कर सकता है. इस रोग से आक्रांत होने पर पीड़ित के लिए सरकारी राहत का प्रावधान है. जिसमें मरीज के पुनर्वास के लिए एकमुश्त दो लाख रुपये मिलते हैं. मौत के बाद उसके आश्रित को भी दो लाख रुपये मिलते हैं. जीवित रहते यदि मरीज को दो लाख रुपये नहीं मिला तो मरीज की मौत के बाद उसके आश्रित को चार लाख रुपये मिलता है. इसके अलावा ए, बी, सी कैटेगरी का मरीज होने पर उसे प्रतिमाह चार हजार रुपये पेंशन मिलेगा. मरीज के मौत के बाद भी उसके आश्रित को पेंशन के रूप यह यह राशि मिलना जारी रहेगा. उसके बच्चे के पढ़ाई के लिए कक्षा ग्यारह में चार हजार रुपये, कक्षा 12 में पांच हजार रुपये, स्नातक में हर साल छह हजार रुपये, स्नातकोत्तर व पॉलिटेक्निक के लिए हर साल 10 हजार रुपये, मेडिकल व इंजीनियरिंग के लिए सालाना 30 हजार रुपये देने का प्रावधान है. इसके अलावा सरकारी जो भी योजनाएं हैं, उसमें इस परिवार को प्राथमिकता मिलेगी. भाजपा नेता श्री राय ने कहा कि मरीजों को इतनी सारी सुविधा न देना हो, इसे लेकर सिलिकोसिस मरीजों का इलाज टीबी बताकर कर दिया जाता है. प्रभात खबर के मुहिम के बाद स्थिति में काफी बदलाव आया और मरीजों की संख्या 13 पहुंच गयी.स्टील उद्योग के श्रमिक को सिलिकोसिस होने से बढ़ गयी है प्रशासन की परेशानी
यह आम धारणा है कि सिलिकोसिस रोग, रैमिंगमास उद्योगों (क्वार्ज पत्थर की पिसाई करने का कारखाना) में काम करनेवाले श्रमिकों को होता है. पर जैसे-जैसे नये मरीज चिह्नित हो रहे हैं, नये-नये खुलासे हो रहे हैं. एक मरीज ऐसा पाया गया, जो किसी उद्योग में काम नहीं करता है, वह रैमिंगमास उद्योग के पास रहता है. स्टोन क्रशर में काम करनेवाले श्रमिक भी इससे आक्रांत हो रहे हैं. अब तो नया खुलासा हुआ कि स्टील उद्योग के श्रमिक भी इससे अछूते नहीं रहे. बुधवार बोर्ड ने रानीगंज बेलेबथान, 2 नंबर महतोपाड़ा, जेमारी इलाके के निवासी को सिलिकोसिस मरीज होने का सर्टिफिकेट दिया, जिसमें उनका कार्यस्थल (वर्क प्लेस) श्याम स्टील अंगदपुर बताया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
