चिरेका में 115 दिनों के अंदर हुए 300 इलेक्ट्रिक इंजनों के रिकॉर्ड उत्पादन

14 अगस्त को 300वें इंजन के औपचारिक शुभारंभ के साथ ही यह उपलब्धि दर्ज की गयी.

By GANESH MAHTO | August 19, 2025 12:02 AM

कर्मचारियों की उच्च दक्षता व सतत परिश्रम से मिली सफलता: जीएम विजय कुमार चालू वित्त वर्ष में कुल 777 विद्युत रेल इंजनों के उत्पादन का है लक्ष्य आसनसोल. चित्तरंजन रेलइंजन कारखाना(चिरेका) में इलेक्ट्रिक रेल इंजन उत्पादन के मामले में इतिहास रच दिया गया है. चालू वित्त वर्ष 2025-26 के महज 115 कार्य दिवसों में 300 विद्युत रेल इंजनों का उत्पादन पूरा कर कारखाने ने मिसाल कायम की. 14 अगस्त को 300वें इंजन के औपचारिक शुभारंभ के साथ ही यह उपलब्धि दर्ज की गयी. इस उपलब्धि ने चिरेका की पहचान को और मजबूत किया. यह न केवल कर्मचारियों की मेहनत और तकनीकी कौशल का प्रमाण है, बल्कि देश के औद्योगिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है. सीएलडब्ल्यू यानी चिरेका के महाप्रबंधक(जीएम) विजय कुमार ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस बार 33 दिन कम समय में यह लक्ष्य हासिल किया गया है. उन्होंने कहा कि यह सफलता कर्मचारियों की उच्च दक्षता और निरंतर मेहनत का परिणाम है. इस अवसर पर उन्होंने पूरी टीम को बधाई दी और आगे और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जतायी. कारखाने के जनसंपर्क विभाग के अनुसार, दरअसल इस अवधि में 302 इंजन बनाये गये हैं. इनमें से 228 इंजन चित्तरंजन इकाई में और 74 इंजन डानकुनी इकाई में तैयार किये गये. यह संख्या कारखाने की उत्पादन क्षमता और संगठनात्मक दक्षता का परिचायक है. रेलवे बोर्ड ने चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में सीएलडब्ल्यू को कुल 777 विद्युत रेल इंजनों के उत्पादन का लक्ष्य दिया है. अधिकारियों का कहना है कि कारखाना इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता और संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है. विशेष बात यह भी है कि वित्तीय वर्ष के शुरुआती 41 कार्य दिवसों में ही पहले 100 इंजन तैयार कर लिए गए थे. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यही रफ्तार बरकरार रही तो सीएलडब्ल्यू न केवल अपने तय लक्ष्य तक पहुंचेगा. बल्कि एक नया राष्ट्रीय कीर्तिमान भी स्थापित कर सकता है. रेलवे अधिकारियों के अनुसार, समय पर उत्पादन से रेलवे नेटवर्क में आधुनिक इंजनों की आपूर्ति सुनिश्चित होगी. जिससे यात्रियों और माल परिवहन सेवाओं की गुणवत्ता और गति दोनों में सुधार आयेगा.

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